एक ही घर से चार शव उठने पर हर आंख नम
कायमगंज, संवाद सहयोगी : ग्राम दारापुर में बृजवासी के घर रखे चार शवों को देखकर हर आंखे नम हो गई। एक ह
कायमगंज, संवाद सहयोगी : ग्राम दारापुर में बृजवासी के घर रखे चार शवों को देखकर हर आंखे नम हो गई। एक ही घर से चार अर्थी उठी तो लोग सिसकने लगे। गांव के अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्राम दारापुर निवासी संतोष दुबे व उनके भाइयों के बिराहिमपुर स्थित ईंट भट्ठा पर मंगलवार देर शाम चेंबर में बनी विषाक्त गैस से गांव के श्रमिक बृजवासी व उनके पुत्र जगदीश उर्फ धनीराम तथा भाई गजराज व उनके पुत्र ¨सटू की मौत हो गई थी। देर रात पोस्टमार्टम के बाद शव गांव में पहुंचे, तो आस-पास के गांवों की भारी भीड़ जमा हो गयी। ग्रामीणों ने बताया कि जगदीश अपने पिता की इकलौते पुत्र थे। उनके चार बेटियां श्वेता, संध्या, रागिनी, मोहिनी व तीन वर्ष का पुत्र विवेक है। छोटे पुत्र विवेक को गोद में लिये बिलख रही पत्नी गंगा देवी के मुंह से यही निकल रहा था कि इन बच्चों का सहारा ही छिन गया, न पिता रहे न दादा अब उनकी परवरिश कैसे होगी? यही हाल ¨सटू की पत्नी नीरज का था। वह दो बच्चों गौरव (3) व गौरी (5) को लिये रो रही रही थी। गजराज व बृजवासी की पत्नियों का भी रो-रोकर बुरा हाल था।