गंगा में प्रदूषण फैला रहे कपड़ा छपाई कारखाने
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : गंगा में प्रदूषण फैला रहे कपड़ा छपाई कारखानों की मंगलवार को जांच करने आ
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : गंगा में प्रदूषण फैला रहे कपड़ा छपाई कारखानों की मंगलवार को जांच करने आये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डा.आरके ¨सह नियमों का पालन न होते देख नाराज हो गये। उन्होंने एक कारखाना मालिक की जमकर क्लास लगाई। आधा दर्जन कारखानों को खामियां दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डा.आरके ¨सह ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानपुर के जेई प्रखर कुमार कटियार, वैज्ञानिक डा.एके माथुर के साथ कपड़ा छपाई कारखानों में जांच की। मोहल्ला अंगूरीबाग स्थित आरजे फैशन की मालकिन कमलेश साध के पुत्र जय साध से मानक पूरा न होने को लेकर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। डा.आरके ¨सह ने कहा कि कारखाने में ईटीपी तो लगा है, लेकिन केमिकलयुक्त कपड़ा धुलने वाले हौज का पानी सीधे नाली में होकर गंगा में जा रहा है। नियमानुसार पानी ईटीपी से शोधित होकर नाली में जाना चाहिए। उन्होंने एक सप्ताह में कमियां सुधार लेने की हिदायत दी। कारखाना मालिक ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। इससे वैज्ञानिक बिफर गये। उन्होंने कहा कि बहाने से काम नहीं चलेगा। उन्हें बोर्ड के कानपुर कार्यालय से नियमों के संबंध में पूरी जानकारी कर पालन करना चाहिए।
शहर के 108 कारखानों में से मात्र दो दर्जन कारखानों में ही पानी का शोधन करने के लिए ईटीपी लगे हैं, लेकिन अधिकांश कारखाना मालिक उनका उपयोग नहीं कर रहे। वैज्ञानिक आरके ¨सह ने बताया कि वह जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगे। कारखाना मालिकों को नियमों का पालन करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। वस्त्र छपाई कुटीर उद्योग सेवा संस्थान के अध्यक्ष चंद्रपाल वर्मा ने बताया कि कारखानों में मंगलवार को बंदी नहीं थी। इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड टीम ने मोहल्ला अंगूरी बाग, गंगा दरवाजा, खानपुर, चांदपुर के कारखानों में जांच कर डर फैला दिया। इससे अधिकांश कारखाने बंद रहे।