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अनुपस्थित मिले 46 अध्यापकों का वेतन काटा

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी के निर्देश पर पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किये

By Edited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 08:22 PM (IST)
अनुपस्थित मिले 46 अध्यापकों का वेतन काटा

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी के निर्देश पर पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किये गए विद्यालयों के निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गए 46 प्रधानाध्यापक, शिक्षकों व अनुदेशकों का वेतन कटौती आदेश मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज ¨सह ने जारी कर दिया। बंद पाये गए पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला छब्ब, प्राथमिक विद्यालय भिड़ौर व प्राथमिक विद्यालय दुर्जन पुरवा के सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट दिया गया है।

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शिक्षण गुणवत्ता वर्ष में अध्यापकों की उपस्थिति की पोल जिलाधिकारी द्वारा कराये गए निरीक्षण में खुली। निरीक्षण की पूर्व सूचना होने के बावजूद 36 परिषदीय विद्यालयों में 46 प्रधानाध्यापक, शिक्षक व अनुदेशक अधिकारियों को नदारद मिले। अनुपस्थित शिक्षकों को वेतन कटौती के साथ ही भविष्य के लिये चेतावनी भी दी गई है। ब्लाक लिपिकों को निर्देश दिये गए हैं कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का अंकन उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज कर एक सप्ताह में अवलोकित कराया जाये। पूर्व माध्यमिक कन्या रुदायन में तीनों अनुदेशक रीना यादव, पूजा व मंजू अनुपस्थित मिलीं। प्राइमरी टिलिया में दो शिक्षक जितिन कुमार शर्मा व सीता राजपूत अनुपस्थित पाये गए। पूर्व माध्यमिक महमदपुर सिनौड़ा में रविबाबू व रीना पाल नदारद थे। बंद मिले प्राइमरी भिड़ौर की प्रधानाध्यापिका ज्ञानवती, शिक्षक राकेश व अजय मोहन के खिलाफ कार्रवाई की गई।

22 को फिर पड़ेंगे छापे

बेसिक शिक्षा के सचिव हीरालाल गुप्ता ने मध्याह्न भोजन के वितरण की जांच के लिये 22 जुलाई को राजस्व विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के सभी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर विद्यालयों का निरीक्षण कराये जाने के निर्देश दिये हैं। शासन ने पहले निरीक्षण की तिथि 10 जुलाई निर्धारित की थी। 15 जुलाई से मिडडे मील का नया मेन्यू लागू होने से निरीक्षण तिथि बदली गई है।

दूध की व्यवस्था को प्रधानों से सहयोग

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज ¨सह ने बताया कि 15 जुलाई से प्रत्येक बुधवार को मिड डे मील में बच्चों को दूध का वितरण मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है। दूध की व्यवस्था विद्यालयों में स्थानीय स्तर से की जायेगी। इसके लिये जिलाधिकारी की ओर से सहयोग के लिये ग्राम प्रधानों को पत्र भिजवाये जायेंगे। दूध वितरण की तैयारी के लिये खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाकर विचार विमर्श किया जायेगा। दूध के लिये अलग से धनराशि दिये जाने का प्रस्ताव है। फिलहाल परिवर्तन लागत की धनराशि से ही योजना शुरू करा दी जायेगी। योजना में शिक्षक संगठन भी सहयोग करेंगे।


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