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सूखे की आशंका से कृषि विभाग चौकन्ना

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मौसम विभाग को विगत वर्ष की तुलना में अधिक भीषण सूखे की आशंका है। विगत

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 07:24 PM (IST)

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मौसम विभाग को विगत वर्ष की तुलना में अधिक भीषण सूखे की आशंका है। विगत वर्ष हुई 95 प्रतिशत मानसून की तुलना में इस साल 93 फीसद ही मानसून के आसार हैं। कृषि विभाग चौकन्ना हो गया है। कम पानी की आवश्यकता वाली प्रजातियों के बीजों की मांग शासन को भेज दी गयी है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से अग्रिम पंजीकरण की अपील कर रहे हैं। मौसम की मार के चलते अभी से मक्का की फसल सूखने लगी हैं। अप्रैल में हुई अतिवृष्टि से गेहूं की बरबाद हो चुकी फसल के मुआवजे में धांधली की शिकायतें भी जोर पकड़ने लगी हैं। उपनिदेशक कृषि प्रसार एके ¨सह बताते हैं कि मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष मानसून 6 जून को देश में प्रवेश कर रहा है। विभाग की ओर से 6 जून को ही पहली परामर्शी(एडवाइजरी) जारी की जायेगी। लेकिन अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 93 प्रतिशत मानसून की संभावना व्यक्त की गयी है। पिछ़ले साल 95 फीसद मानसून पर जनपद में 675 मिलीमीटर औसत वर्षा के सापेक्ष मात्र 315 मिमी बारिश हुई थी। उनिदेशक ने बताया कि सूखे की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। सूखे की स्थिति में किसानों को कम ¨सचाई की आवश्यकता वाली प्रजातियों के तिल, तोरिया, अरहर, ज्वार व बाजरा की प्रजातियों के बीजों की व्यवस्था के लिए शासन को मांग भेज दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान बीजों के लिये अग्रिम पंजीकरण भी करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि तिल का 53, तोरिया का 40, अरहर का 142, बाजरा का 60 व ज्वार का 37 क्विंटल अतिरिक्त बीज मांगा गया है। अभी तक अरहर का 35, बाजरा का 80 व ज्वार का 20 ¨क्वटल बीज प्राप्त हो चुका है। विकास खंड मोहम्मदाबाद के ग्राम गुरुशादीनगर के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम से शिकायत की मुआवजे की सूची बनाने में लेखपालों ने मनमानी की है। फसल नुकसान उठाने वाले गरीब किसानों के नाम मुआवजे की सूची से गायब कर दिये गये हैं। तहसील सदर के ग्राम कटरी धर्मपुर निवासी ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत की है कि गेहूं की फसल अतिवृष्टि से बरबाद हो जाने से उनके सामने दो जून की रोटी का खतरा पैदा हो गया है। मुआवजे के नाम पर लेखपाल अपने चहेतों को ही चेक दे रहे हैं। ग्रामीणों ने डीएम से मुआवजा सूची की जांच कराये जाने की मांग की है।

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