ढूंढ़े नहीं मिले समाजवादी पेंशन के लाभार्थी
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : समाज के सबसे कमजोर वर्ग के कल्याण के लिये गठित समाज कल्याण विभाग के दर
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : समाज के सबसे कमजोर वर्ग के कल्याण के लिये गठित समाज कल्याण विभाग के दरवाजे पर सुबह से ही फटेहाल गरीबों का मेला लगता है। माता-पिता की उम्र के बुजुर्ग पेंशन की आस में विभागीय लिपिकों की खुशामद में पैर छूते नजर आते हैं। किसी की पेंशन नहीं पहुंची तो किसी का पैसा दूसरे के खाते में चला गया। झिड़कियां और आश्वासन पाकर लौटते समाजवादी पेंशन के लाभार्थियों का दर्द उनके चेहरों पर साफ नजर आता है।
समाजवादी पेंशन के लिये जनपद को 40 हजार लाभार्थियों का लक्ष्य मिला था। पेंशन के लिये पात्रता के नियमों के चलते विभाग को 35 हजार लाभार्थी ही मिल सके। उनमें भी लगभग 2 हजार के फोटो और बैंक खाते अपलोड नहीं हो सके हैं। इसके बावजूद दबंग प्रधानों के दबाव में योजना में जमकर धांधली हुई और अपात्रों का चयन कर लिया गया। विकास खंड मोहम्मदाबाद के कई गांवों में तो जांच में अपात्रों के चयन की पुष्टि होने के बाद डीएम ने ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दिये। लेकिन बाद में ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरोध के बाद मामला रफा-दफा कर दिया गया।
विकलांग कल्याण विभाग को पेंशन की मद में 10.76 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई, लेकिन 5.38 लाख ही बजट मिला। वृद्धावस्था पेंशन की दूसरी किस्त के लिये लोगों ने महीनों चक्कर काटे। विगत माह ही धनराशि अवमुक्त हुई। अभी भी काफी लाभार्थियों के खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। गरीब परिवार के कमाऊ मुखिया की मौत पर बिना बजट के भी डीएम के आदेश पर 30 हजार रुपये का अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। कोषागार नियम-27 के अंतर्गत आहरण की भी सुविधा है। इस वर्ष लगभग 900 लोगों को अनुदान दिया गया। वर्ष के अंत में मिले बजट से समायोजन के बाद बचे 10 लाख रुपये सरेंडर भी कर दिये गये।
समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव बताती हैं कि कुछ लाभार्थियों का डाटा अभी प्राप्त न हो पाने के कारण अपलोड नहीं हो सका है। इस संबंध में सीडीओ के माध्यम से ग्राम पंचायत अधिकारियों को अनुस्मारक भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ लाभार्थियों के खाते गलत होने की सूचना मिल रही है। इनके खाते दुरुस्त कराये जाएंगे।