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'खुद्दारी की मिसाल थे ताबां'

कायमगंज, संवाद सहयोगी : मिजोरम के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मंगलवार देर रात मुशायरे का आगाज करते हुए क

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 08:34 PM (IST)
'खुद्दारी की मिसाल थे ताबां'

कायमगंज, संवाद सहयोगी : मिजोरम के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मंगलवार देर रात मुशायरे का आगाज करते हुए कहा कि मरहूम गुलाम रब्बानी ताबां खुद्दार थे, एक बार वह बीमार पड़ गये तो उस समय उनके भाई खुर्शीद आलम खां कर्नाटक के गवर्नर थे और उनके भतीजे सलमान खुर्शीद केन्द्र सरकार में मंत्री थे, लेकिन एम्स में भर्ती होने के लिए उन्होंने उनकी मदद नहीं ली। ताबां के जन्म शताब्दी समारोह पर सीपी गेस्ट हाउस में हुए मुशायरे में ख्याति प्राप्त शायर मुन्नबर राना ने कहा कि 'बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है, बहुत ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है'। शायर डा.नसीम निगहत ने कलाम में कहा कि 'मुनाफिक (दिखावे के) दोस्तों से बेहतर है खुला दुश्मन, कि गद्दारी नवाबों से हुकूमत छीन लेती है'। दिल्ली के रईस अंसारी ने कहा कि 'कितने मजबूर हैं इस अहद के मां बाप, अपने बच्चों को नसीहत भी नहीं दे सकते'। इकबाल असर ने कहा कि 'सितम तो ये कि हमारी सफों में शामिल हैं, चिराग बुझते ही खेमा बदलने वाले लोग'। तारिक कमाल ने कहा कि 'यहां मेरा कोई अपना नहीं है, चलो अच्छा है खतरा नहीं है'। मिलावट खोरी पर तंज कसते हुए अजम शाकिरी ने कहा कि 'जहर भी लग गया दवा बन के, हमने खाया था खुदकुशी के लिए'। लखनऊ के हसन काजमी, दिल्ली के अलीम वाजिद, अलीगढ़ के अनस खां, उत्तराखंड के झंझट व स्थानीय पवन बाथम एवं रामबाबू मिश्र ने अपने कलाम पेश किये। मुशायरे का उद्घाटन राज्यपाल अजीज कुरैशी ने शमा रोशन कर किया। संयोजन इजहार आलम खां व सोहराब खां ने किया।


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