पंचायतों का परिसीमन उलझा
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : ग्राम पंचायतों का परिसीमन फिलहाल माननीय जनप्रतिनिधियों की रस्साकशी के
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : ग्राम पंचायतों का परिसीमन फिलहाल माननीय जनप्रतिनिधियों की रस्साकशी के मकड़जाल में फंस गया है। बुधवार को भी परिसीमन प्रस्तावों पर निर्णय नहीं हो सका। शासनादेश के उल्लंघन की स्थिति में ग्रामीण न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी किये बैठे हैं। विकास खंड बढ़पुर से दस नयी ग्राम पंचायतों के गठन का प्रस्ताव भेजा गया है।
एक हजार से अधिक आबादी के राजस्व ग्रामों को नयी ग्राम पंचायत का दर्जा दिये जाने के प्रस्ताव के तहत जनपद में 297 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 80 प्रस्ताव नियमानुसार सही पाये गये। लेकिन लगभग आधा दर्जन मामलों में माननीय जनप्रतिनिधियों की जवाबी सिफारिशों की रस्साकशी से मामला लटक गया है। जिलाधिकारी जाच और क्रास चेकिंग के नाम पर मामले में सुलह-समझौते और सर्वमान्य हल की तलाश में हैं। कायमगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत समाउद्दीनपुर और पहाड़पुर, ब्लाक शमसाबाद की ग्राम पंचायत सोनाजानकीपुर व राजेपुर की आसमपुर सहित आधा दर्जन ग्राम पंचायतों को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को भी डीपीआरओ और उनका स्टाफ डीएम कार्यालय में फाइलें लिए डटे रहे।
शासनादेश की व्याख्या को लेकर भी ग्रामीण आमने सामने हैं। कई ग्रामों के ग्रामीणों ने किसी एक के पक्ष में निर्णय होने पर आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की तैयारी भी कर ली है। सर्वाधिक विवाद तौफीक की मढ़ैया को भौगोलिक स्थिति के आधार पर ग्राम पंचायत आसमपुर से जोड़े जाने को लेकर है। जबकि शासनादेश में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का प्रावधान ही नहीं है, केवल नयी ग्राम पंचायतों का गठन ही किया जा सकता है।
विकास खंड बढ़पुर से दस नयी ग्राम पंचायतों के गठन के प्रस्ताव भेजे गये हैं। इनमें जैतपुर से वाहिदपुर को, अर्रापहाड़पुर से नेकपुर खुर्द को, बसेली से कलिउली मुहिबुल्लाहपुर, हैबतपुर गढि़या से रामपुर डफरपुर और मसेनी से बाग लकूला को अलग किये जाने का प्रस्ताव सम्मिलित है।