बाबरी मुद्दई हाशिम अंसारी अयोध्या में सुपुर्द-ए-खाक
बाबरी मुद्दई मोहम्मद हाशिम अंसारी अयोध्या के शीश पैगम्बर कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए। हज़ारों लोगों ने नम आँखों से अंतिम विदाई दी।
फैजाबाद (जेएनएन)। बाबरी के मुद्दई हाशिम अंसारी शीश पैगम्बर कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए। हज़ारों लोगों ने नम आँखों से अंतिम विदाई दी। अंसारी ने आज सुबह 4 बजे के आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। हाल में उनको लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिट कराया गया था। 96 साल के अंसारी विवादित ढांचा मामले के सबसे बुजुर्ग पैरोकार थे।
रामजन्मभूमि केस के पैरोकार हाशिम अंसारी का इंतकाल
हाशिम की अंतिम यात्रा में महंत ज्ञानदास नरेंद्रगिरी रामदास कैबिनेट मंत्री आज़म खान राज्यमंत्री पवन पाण्डेय आनंदसेन यादव रुश्दी मियां लीलावती कुशवाहा जफरयाब जिलानी जयशंकर पाण्डेय गंगा सिंह यादव सूर्यकान्त पाण्डेय बसपा नेता बज़्मी सिद्दकी पवन कुमार समेत बड़ी संख्या संत,-महंत, विभिन्न दलों से जुड़े गण्यमान्य लोग और समाजसेवी शामिल रहे। रामजन्मभूमि के अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने भी उनके आवास पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, वह रामलला के लिए मंदिर का निर्माण चाहने वाले उदार भारतीय थे। रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास और अदालत में राम मंदिर की दावेदारी करने वाली संस्था निर्मोही अखाड़ा के पंच पुजारी रामदास ने भी हाशिम के शव पर माल्यार्पण किया और उन्हें नेक प्रतिस्पर्द्धी बताया। शाम जनाजा उठने से पहले अयोध्या के राजा बिमलेंद्र मोहन मिश्र, शहरी विकास मंत्री आजम खां, बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, वन राज्य मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन, विधायक आनंदसेन यादव, स्टैंङ्क्षडग काउंसिल एवं बाबरी मस्जिद के अधिवक्ता सैय्यद जफरयाब जिलानी भी अंसारी के घर पहुंचे।
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पूरी अयोध्या इकबाल के साथ
ईद के दिन शुभकामना देने आए हनुमानगढ़ी से जुड़े शीर्ष महंत ज्ञानदास को एकमात्र बेटे मो. इकबाल का हाथ सौंपते हुए हाशिम अंसारी ने उनसे कहा था, आज से यह आपके हवाले। हाशिम की अंतिम यात्रा में इस वाकये का खुलासा करते हुए ज्ञानदास ने हाशिम के बेटे को आशीर्वाद दिया और कहा कि न केवल वह स्वयं और हनुमानगढ़ी बल्कि पूरी अयोध्या हर सुख-दुख में तुम्हारे साथ रहेगी।
नहीं दे सका गंगा जल
नरेंद्रगिरि हाशिम अंसारी के निधन की सूचना सुन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि भावुक हो उठे। कहा, चंद दिनों पहले ईद पर मेरी हाशिम जी से बात हुई थी। वह काफी खुश थे। कहा था, अध्यक्ष जी लड़ाई से कष्ट के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा। आप जल्द अयोध्या आओ हम मिलकर मंदिर विवाद का हल निकालेंगे। हां, आते समय संगम का जल अवश्य ले आना। मैं मिलने जाता उसके पहले वह दुनिया छोड़ गए। उनका अंतिम दर्शन करने के लिए इलाहाबाद से अयोध्या जाने से पूर्व महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें इंसानियत का पैरोकार बताया।