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दीपोत्सव के इंतजार में खुशी से झूम उठी अयोध्या

दीपोत्सव शिखर पर होगा जब राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री भगवान राम के स्वरूप का राज्याभिषेक करेंगे।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Tue, 17 Oct 2017 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Oct 2017 11:00 AM (IST)
दीपोत्सव के इंतजार में खुशी से झूम उठी अयोध्या
दीपोत्सव के इंतजार में खुशी से झूम उठी अयोध्या

अयोध्या (जागरण संवाददाता)। 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम की वापसी की प्रसन्नता में अयोध्या का आनंद असीमित था। तब अयोध्या वासियों ने दीपावली मनाई और फिर यह प्रति वर्ष मनाई जाने लगी। यही दृश्य बुधवार को फिर साकार होगा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। सोमवार को इसी की तैयारियों का 'रिहर्सल' किया गया और रामकथा से संबंधित 11 झांकियों की शोभायात्र निकली।

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रिहर्सल में ही भव्यता इतनी थी कि दर्शक अभिभूत हो उठे। बुधवार के दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण दीपदान होगा। छोटी दीवाली पर शाम छह से 6:30 बजे के बीच रामनगरी का तीन किलोमीटर लंबा सरयू तट, राम कथा पार्क एवं राम की पैड़ी लगभग दो लाख दीपों से सजेगी और इसी के साथ ही 'गिनीज बुक ऑफ विश्व रिकार्डस' में यह दीपदान दर्ज हो जाएगा। फिलहाल, यह रिकार्ड हरियाणा के सिरसा के नाम है, जहां गुरमीत रामरहीम के संयोजन में एकसाथ सर्वाधिक दीप जले थे।

दीपोत्सव का आरंभ बुधवार को सुबह सात बजे मध्य प्रदेश की विजावर रियासत की रानी की भक्ति के गवाह कंचनभवन मंदिर से 'हेरिटेज वॉक' के साथ होगा। पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के साथ हेरिटेज वॉक में धर्म, संस्कृति, पर्यटन आदि क्षेत्रों से जुड़े 200 लोग शामिल होंगे। विरासत से सरोकार स्थापित करने का संदेश देती हेरिटेज वॉक दो किलोमीटर दूर भोले बाबा के पौराणिक मंदिर नागेश्वरनाथ पहुंचकर समाप्त होगी।

दोपहर दो बजे साकेत महाविद्यालय से रामकथा प्रसंगों से जुड़ीं 11 झांकियां निकलेंगी। पूरे उत्सव का संयोजन इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ीं दो बड़ी कंपनियां कर रही हैं। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का आगमन रामकथा पार्क में शाम चार बजे होगा।

इसके बाद दीपोत्सव शिखर पर होगा जब राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री भगवान राम के स्वरूप का राज्याभिषेक करेंगे। उनके संबोधन के बाद रामकथा पार्क में ही रात आठ बजे से विदेशी कलाकारों की रामलीला होगी। अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित कहते हैं कि कोशिश होगी कि प्रत्येक वर्ष अयोध्या में जलने वाले दीपों की संख्या में वृद्धि हो।

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सरयू की होगी आरती: तुलसीदास घाट व सहस्त्रधारा घाट के करीब 400 मीटर के फासले में पांच स्थानों पर सरयू की 21-21 सौ दीपों से महाआरती होगी। घंटे-घड़ियाल का स्वर बुलंद होगा। लाखों दीपों की झिलमिल के बीच सरयू की लहरों पर लेजर-शो के माध्यम से रामकथा का दृश्यांकन भी दर्शकों को निहाल करेगा।

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