Move to Jagran APP

मृदंग सम्राट की पुण्य तिथि पर सजी संगीत संध्या

अयोध्या: यह दिग्गज संगीतज्ञ का उन्हीं की भाव-भाषा में स्मरण था। मौका, मृदंग सम्राट स्वामी पागलदास की

By Edited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 12:01 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2017 12:01 AM (IST)
मृदंग सम्राट की पुण्य तिथि पर सजी संगीत संध्या
मृदंग सम्राट की पुण्य तिथि पर सजी संगीत संध्या

अयोध्या: यह दिग्गज संगीतज्ञ का उन्हीं की भाव-भाषा में स्मरण था। मौका, मृदंग सम्राट स्वामी पागलदास की 21वीं पुण्यतिथि का था और इस अवसर पर प्रमोदवन स्थित उनकी साधना स्थली हनुमत विश्वकला संगीताश्रम पर संगीत समारोह आयोजित किया गया। मृदंग सम्राट के चित्र पर माल्यार्पण के बाद समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं गुरु वंदना से हुई। मृदंग सम्राट की ही शिष्य परंपरा से जुड़ीं किरनरामदास के नेतृत्व में पल्लवी, कौशिकी, पुष्पांजलि, अनुराधा पाल, सर्वेश मिश्रा एवं सचिन शुक्ल ने शुरुआत से ही छाप छोड़ी। ..तो तबला पर संगत कर रहे चंद्रेशदास ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। अगली प्रस्तुति बाल कलाकार वैभवरामदास के नाम रही। उन्होंने ताल पंचानन में एकल मृदंग वादन कर भरोसा दिलाया कि मृदंग सम्राट की परंपरा का भविष्य वैभवपूर्ण है। तदुपरांत रामकिशोरदास ने समां बांधा। बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल एवं तराना की प्रस्तुतियों से रामकिशोरदास ने शास्त्रीय गायकी की धार प्रवाहित की। उनके साथ हारमोनियम पर अजय शर्मा एवं तबला पर राजकुमार झा ने संगत की और अपने कौशल से श्रोताओं को विभोर किया। कोलकाता से पधारे सात्यकिसेन गुप्त एवं प्रणय चटर्जी ने अपनी प्रस्तुति से समारोह में चार-चांद लगाये। सात्यकि ने सितार से और प्रणय ने तबले से स्वर, लय, ताल की ऐसी छटा बिखेरी कि श्रोता समाधिस्थ हो उठे।

loksabha election banner

इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रदीप खरे ने कहा, संगीत परमात्मा से जोड़ने वाली सबसे कारगर साधना है। अध्यक्षता राजगोपाल मंदिर के महंत एवं दिग्गज संत कौशलकिशोरशरण फलाहारी ने की। संचालन साकेत महाविद्यालय में संस्कृत के सेवानिवृत्त आचार्य डॉ. हरिश्चंद्र मिश्र ने किया। अतिथियों का स्वागत मृदंग सम्राट के शिष्य एवं उत्तराधिकारी विजयरामदास ने किया। इस मौके पर प्रख्यात रामकथा मर्मज्ञ संत प्रेमभूषण, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के प्रशासक पुजारी रामदास, युवा शास्त्रज्ञ आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण, महंत अवधकिशोरशरण, सेवानिवृत्त प्राचार्य रामकृष्ण शास्त्री, डॉ. जनार्दन उपाध्याय, डॉ. परेश पांडेय, संगीतज्ञ देवप्रसाद पांडेय, आचार्य रत्नेश, राजीव पांडेय आदि सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.