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जन सुनवाई में दिखा महिला सशक्तीकरण का सच

फैजाबाद : महिला सशक्तीकरण का खूब ढोल पीटा जा रहा है। जन सुनवाई की लिए अदालतें लग रही हैं। उनमें आ रह

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 10:41 PM (IST)

फैजाबाद : महिला सशक्तीकरण का खूब ढोल पीटा जा रहा है। जन सुनवाई की लिए अदालतें लग रही हैं। उनमें आ रही शिकायतों ने महिला सशक्तीकरण को आइना दिखाया है।

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महिला सशक्तीकरण का ढोल चाहे जितना पीटा जाए ससुरालीजनों का अत्याचार महिलाओं पर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सरकिट हाउस में महिला आयोग की जन सुनवाई में पेश हुए सात प्रकरणों में छह ससुराल पक्ष के उत्पीड़न के रहे। मात्र एक महिला की शिकायत घर पर कब्जे की रही। ससुराली अत्याचारों की बढ़ती शिकायतें महिलाओं की जुबानी सुन राज्य महिला आयोग सदस्य रंजना ¨सह भी सन्न रह गईं।

जन सुनवाई के दौरान एडीएम प्रशासन डॉ. चतुर्भुजी गुप्त, सीओ सिटी जवाहरलाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी रामबाबू विश्वकर्मा, महिला थानाध्यक्ष शकुंतला उपाध्याय मौजूद रहीं। जन सुनवाई के बाद राज्य महिला आयोग सदस्य ने महिला अपराध की समीक्षा की। विधि सह परिवीक्षा अधिकारी शिवाकांत शुक्ल के अनुसार सीओ सिटी जवाहरलाल ने जिले में महिला हत्या, दहेज हत्या, घरेलू ¨हसा, बलात्कार, अपहरण, छेड़छाड़, छीटाकसी, चेन स्नै¨चग से सम्बन्धित महिला अपराध का ब्यौरा प्रस्तुत किया। प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार पहली जनवरी 2016 से 30 अप्रैल तक दहेज हत्या- 03 प्रकरण, बलात्कार- 07 प्रकरण, अपहरण- 28 प्रकरण, छेड़छाड - 23 प्रकरणों के मुकदमे पंजीकृत हैं। महिला आयोग सदस्य ने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा प्रदेश सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं की शिकायतों की नियमित सुनवाई के लिए माह के प्रथम बुधवार को बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। आयोग स्वत: संज्ञान लेकर भी महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर समुचित कार्रवाई कर रहा है। उनके अनुसार महिलाओं को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उनके अनुसार सरकार ने एसिड अटैक और लैंगिक उत्पीड़न महिलाओं के लिए उप्र रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की स्थापना की है। जिसमें एसिड अटैक पीड़िता को आर्थिक क्षतिपूर्ति तीन लाख से 10 लाख, दहेज मृत्यु पर 3 लाख, बलत्कार के साथ मृत्यु पर 3 लाख से 10 लाख, पास्को एक्ट के अन्तर्गत एक लाख से 10 लाख तक क्षतिपूर्ति की व्यवस्था है।


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