मृत इंस्पेक्टर के परिवार ने ठुकराई सरकारी मदद
फैजाबाद: प्रतापगढ़ में 19 नवंबर को बदमाशों की गोलीबारी में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर अनिल कुमार के
फैजाबाद: प्रतापगढ़ में 19 नवंबर को बदमाशों की गोलीबारी में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर अनिल कुमार के परिवार ने प्रदेश सरकार की आर्थिक मदद को ठुकरा दिया है। अनिल कुमार के भाई डॉ. राजाराम व विनोद कुमार ने कहा कि सरकार सहायता ही करना चाहती है तो घटना की सीबीआइ जांच कराए। जांच से ही साजिश के तहत अंजाम दी गई इस घटना में पर्दे के पीछे मौजूद बड़े लोग बेनकाब हो सकेंगे और उन्हें सजा मिल सकेगी।
रौनाही क्षेत्र अंतर्गत सनाहा गांव के रहने वाले इंस्पेक्टर अनिल की मौत पर संवेदना व्यक्त कर सरकार ने सोमवार को पीड़ित परिवार को बीस लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है जिसकी खबर पढ़ मंगलवार को परिवारीजन ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। डॉ. राजाराम ने कहा कि 20 लाख की धनराशि हमें स्वीकार नहीं है। घटना की सीबीआइ जांच कराई जाए, अनिल की पत्नी को निरीक्षक पद पर तैनाती दी जाए और वीरता पुरस्कार देने के साथ-साथ सहायता राशि एक करोड़ रुपये देने की मांग उठाई है। मृत इंस्पेक्टर के भाई ने शुरुआत से प्रतापगढ़ पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि वह घटना की नामजद तहरीर देना चाहते थे लेकिन प्रतापगढ़ पुलिस के उच्चाधिकारियों ने असमर्थता जाहिर कर दी। इसके बाद अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। घटना के दिन भी वारदात की सूचना परिवारीजन को किसी भी पुलिस अधिकारी ने नहीं दी। देर रात टीवी पर यह समाचार देखा तो घटना का पता चला। पूरे प्रकरण में कई ऐसी बाते हैं, जो सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की ओर इशारा करती हैं। जांच कर रही एसटीएफ ने भी पीड़ित परिवार का अभी तक पक्ष नहीं जाना है।