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प्रधानमंत्री के समर्थन में आए संत

अयोध्या: सोमवार को कारसेवकपुरम में भाजयुमो की प्रांतीय बैठक में भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्य

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 12:02 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 12:02 AM (IST)

अयोध्या: सोमवार को कारसेवकपुरम में भाजयुमो की प्रांतीय बैठक में भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवान राम से तुलना किए जाने के बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया। इस बयान के बाद रामनगरी के साधु-संत आमने-सामने आ गए। गुरुवार को सपा समर्थक संतों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। वहीं भाजपा समर्थित संतों ने ठाकुर के बयान को उचित बताया है।

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ख्यातिप्राप्त प्रवचनकर्ता पंडित राधेश्याम शास्त्री के अनुसार प्रधानमंत्री की भगवान राम से तुलना भगवान राम के आदर्शो के प्रति समर्पण का ही परिचायक है। यह सही है कि मोदी भगवान राम नहीं हो सकते पर देश की सुख-समृद्धि के लिए उनके प्रयासों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता और हम कह सकते हैं कि पूरी प्रतिबद्धता से भगवान राम के आदर्शो का अनुशीलन करते नजर आ रहे हैं। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य की मानें, तो किसी के भी वक्तव्य की नकारात्मक समीक्षा करने से पूर्व हमें समग्र संदर्भों में उस पर गौर करना होगा और तब हम पाते हैं कि अनुराग ठाकुर ने जो भी कुछ कहा, उससे भगवान राम के प्रति आस्था ही अभिव्यक्त है। प्रतिष्ठित पीठ दशरथमहल बड़ा स्थान के महंत ¨बदुगाद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य के अनुसार हमारी परंपरा सीयाराम मय सब जग जानी की है और ऐसे में मोदी की भगवान राम से तुलना पर आपत्ति अशास्त्रीय है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात कर देश के गौरव का मार्ग प्रशस्त कर रहे प्रधानमंत्री को अयोध्या की ओर भी ध्यान देना होगा, ताकि हम और ताकत से कह सकें कि मोदी भगवान राम के आदर्शों को प्रतिष्ठित कर रहे हैं। ऐतिहासिक गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरजीत ¨सह ने कहा कि मोदी के अब तक का कार्यकाल बेदाग और उनके महान उद्यम का प्रतीक है और ऐसे में हम कह सकते हैं कि वे राम राज्य की अवधारणा पर अमल कर रहे हैं। निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास की मानें तो भगवान राम कोई नहीं हो सकता पर उनके आदर्शों की स्थापना के लिए मोदी के प्रयासों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। यद्यपि उन्हें डर है कि मोदी के ही कुछ सहयोगी अपने कुसंस्कारवश अलगाव-दुराव की भाषा बोलकर उनके प्रयासों पर बट्टा लगा रहे हैं। अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास के अनुसार सैद्धांतिक तौर पर भक्त और भगवान में कोई भेद नहीं होता और मोदी जिस तरह सच्चे भक्त की तरह राजधर्म का पालन कर रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि वे भगवान राम की तरह राम राज्य की स्थापना में सफल होंगे।


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