ऑनलाइन होगा फैजाबाद मंडल कारागार
फैजाबाद : मंडल कारागार फैजाबाद की व्यवस्थाएं अब हाइटेक होंगी। बंदियों की मुलाकात से लेकर उनकी संख
फैजाबाद : मंडल कारागार फैजाबाद की व्यवस्थाएं अब हाइटेक होंगी। बंदियों की मुलाकात से लेकर उनकी संख्या और विवरण का ब्यौरा एक क्लिक पर अधिकारियों के सामने होगा। सूबे की जेलों को कंप्यूटरीकृत करने की योजना के तहत मंडल कारागार में यह व्यवस्थाएं जल्द देखने को मिलेंगी। कारागार ऑनलाइन हो जाने से बंदियों की निगरानी और बेहतर हो जाएगी। जेल को ऑनलाइन करने के लिए साफ्टवेयर निर्माण नेशनल इनफारमेशन सेंटर करेगा। कारागार कंप्यूटरीकृत हो जाने से न सिर्फ बंदियों से संबंधित जानकारियां पाना सहज हो जाएगी बल्कि उनसे मिलने वालों की निगरानी भी मजबूत होगी। स्थानीय जेल प्रशासन ने इस योजना को मूर्त रूप में लाने के लिए सहयोग की अपेक्षा में जिला प्रशासन से संपर्क स्थापित किया है।
सूबे की जेल की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी जेलों को कंप्यूटरीकृत करने की योजना है। पहले चरण में गाजियाबाद, फिरोजाबाद, बरेली, मुरादाबाद में योजना प्रगति पर है। फैजाबाद सहित सूबे की अन्य जेलों में इस योजना की शुरूआत दो मार्च के बाद देखने को मिलेगी, लेकिन योजना को लेकर सरगर्मी अभी से शुरू हो चुकी है। एनआइसी की ओर से साफ्टवेयर तैयार हो जाने के बाद जेल के कर्मचारियों को डाटा फी¨डग में लगाया जाएगा। इसके के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। डाटा संकलन को लेकर इन दिनों जेल प्रशासन बंदियों से जुड़ी सभी जानकारियां सूचीबद्ध कर रहा है ताकि एनआइसी पर डाटा अपलोड करने में कोई दिक्कत न हो सके। आनॅलाइन व्यवस्था के तहत जेल की साइट पर बंदियों की संख्या, उनके प्रवेश, मेडिकल, बैरेक, मुलाकात, अंगूठे का निशान व अपराधों का ब्योरा आदि आवश्यक जानकारियां मौजूद होंगी। जेल की साइट के लिए यूजर नेम व पासवार्ड होगा, जिसका इस्तेमाल सिर्फ सरकारी तौर पर किया जा सकेगा।
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लोकवाणी केंद्र कराएगा मुलाकात
फैजाबाद : हाइटेक होती जेल व्यवस्थाओं में एक और सबसे अहम परिवर्तन देखने को मिल सकता है। जेल प्रशासन बंदियों की मुलाकात लोकवाणी केंद्र के माध्यम से कराने की योजना तैयार कर रहा है। रुपरेखा तय हो चुकी है बस प्रशासन की अनुमति से एक लोकवाणी केंद्र जेल में स्थापित होने का इंतजार है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके मैत्रेय ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें योजना से अवगत करा दिया है। आशा है कि जल्द ही जेल में लोकवाणी केंद्र की स्थापना हो जाएगी, जहां से शुल्क जमाकर पास बनवाने के बाद मुलाकाती बंदी से मुलाकात कर सकते हैं। लोकवाणी केंद्र पर मुलाकाती को अपना फोटो व अंगूठे का निशान देना होगा, ताकि दोबारा मुलाकात जेल मैनुअल के मुताबिक कराई जा सके। इस व्यवस्था से एक और फायदा मुलाकातियों की निगरानी का भी होगा। किसी बंदी से कौन बार-बार मिल रहा है, किस तरह के लोग उससे मिलने आ रहे आदि मुलाकातियों से जुड़ी जानकारियां जब चाहे अधिकारी लोकवाणी केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं।