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आइटीआई में बंद होगी फैब्रीकेशन की पढ़ाई

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 11:50 PM (IST)
आइटीआई में बंद होगी फैब्रीकेशन की पढ़ाई

फैजाबाद: राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अब फैब्रीकेशन फिटिंग एंड वेल्डिंग का पाठ्यक्रम बंद हो जाएगा। इसकी जगह पूर्व में यहां संचालित आधा दर्जन ट्रेडों का प्रशिक्षण फिर शुरू होने की संभावना है। प्राचार्य ने निदेशक को इस बावत प्रस्ताव भेज दिया है। एक अन्य पाठ्यक्रम पर भी तलवार लटक रही है।

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काबिले गौर है कि आइटीआइ में फैब्रीकेशन, फिटिंग एंड वेल्डिंग का प्रशिक्षण बीते कई वर्षो से चल रहा है। जानकारी के मुताबिक शासन ने सत्र 2007-08 में फिटर, टर्नर, मशीनिस्ट, वेल्डर, मशीनिस्ट ग्राइंडर एवं इलेक्ट्रानिक्स के ट्रेड का प्रशिक्षण बंद कराया था। इसके बदले फैब्रिकेशन, फिटिंग एंड वेल्डिंग का कोर्स यहां प्रारंभ हुआ। इसमें 125 छात्र-छात्राएं एक साथ प्रशिक्षित हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो फैब्रिकेशन कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके प्रशिक्षणार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सरकारी विभागों में काफी सीमित हैं। समझा जाता है इसी वजह से आइटीआइ प्रशासन ने शासन के ही प्रपत्र पर इसे न चलाने की सूचना भरकर भेज दिया है। इसके बदले पूर्व में यहां संचालित छह ट्रेडों में प्रशिक्षण दोबारा शुरू कराने की अनुमति मांगी है। इसकी पुष्टि प्रधानाचार्य सुनील कुमार श्रीवास्तव ने की है। बता दें कि यहां कुल 17 ट्रेडों में एक वर्षीय व द्विवर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है।

ढाई करोड़ से वर्कशापों का होगा कायाकल्प

फैजाबाद: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में छात्र-छात्राओं को बेहतर ट्रेनिंग दी जा सके, इस बाबत भी यहां के प्रशासन ने महत्वपूर्ण पहल की है। हाल में ही यहां पर संचालित सभी वर्कशापों के कायाकल्प के लिए ढाई करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन के सुपुर्द किया गया है। हालांकि इस पर शासन की मोहर लगनी अभी बाकी है। प्राचार्य ने बताया कि इस मसौदे के अस्तित्व में आने के बाद बेहतर ढंग से वर्कशापों का आधुनिकीकरण कराया जा सकेगा।

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प्लास्टिक प्रोसेसिंग ट्रेड गले की फांस

फैजाबाद: यहां पर प्लास्टिक प्रोसेसिंग ट्रेड में भी प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन यह ट्रेड आइटीआइ प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है। इस कोर्स के सरेंडर की भी तैयारी है। हालांकि इसकी पुष्टि प्राचार्य ने नहीं की लेकिन वे यह अवश्य बताते हैं कि इस कोर्स में कम बच्चे दाखिला लेते हैं।


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