20 करोड़ खाते में फिर भी एयरपोर्ट की राह में रोड़े!
फैजाबाद : लगता है कि जिले की किस्मत को बदलने में अभी वक्त लगेगा। महत्वाकांक्षी फैजाबाद एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये खाते में जमा होने के बावजूद इस राह में कई रोड़े खड़े हो गए हैं। एयरपोर्ट के लिए 250 एकड़ जमीन की सर्वे रिपोर्ट तो राजस्व विभाग ने तैयार कर ली है, लेकिन यह जमीन हासिल करना काफी मुश्किल भरा हो गया है।
250 एकड़ जमीन में ज्यादा भूमि आबादी की है, जिसमें बड़ी संख्या में मकान बने हैं। इस जमीन को खाली कराना तथा मकानों को गिराना सबसे बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ रहा है। भूमि का अधिग्रहण फिलहाल संभव नहीं है। इसकी वजह नया भूमि अधिग्रहण कानून है। यह कानून इसी वर्ष पहली जनवरी से लागू किया गया है। नए कानून की नियमावली अभी तैयार ही नहीं की गई है। बगैर नियमावली के भूमि अधिग्रहण संभव ही नहीं है। केंद्र सरकार के पाले का मामला होने के कारण संबंधित अधिकारी भी कुछ बताने में असमर्थ हैं।
फैजाबाद एयरपोर्ट निर्माण के लिए भारतीय उड्डयन प्राधिकरण ने 20 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है, जिसकी पाई तक अभी खर्च होने की नौबत नहीं आई है। पहली समस्या जमीन की है। इसी में रोड़ा आ गया है।
भारतीय उड्डयन प्राधिकरण के डिप्टी डाइरेक्टर महेंद्र सिंह ने गत माह ही हवाई पट्टी का कार्यभार संभाला था। उन्होंने वरिष्ठ अभियंता बीके सिंह के साथ एयरपोर्ट निर्माण कार्य शुरू कराने की दिशा में पूरे क्षेत्र का जायजा भी लिया। तत्कालीन जिलाधिकारी से मिल कर 250 एकड़ जमीन की मांग रखी थी। इस कार्य के लिए हवाई पट्टी के नोडल अधिकारी रहे आरएस पांडे (अपर जिलाधिकारी प्रशासन) को जिम्मा सौंपा गया। तहसीलदार केके पांडे की देखरेख में सर्वे रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजा गया है।
अधिग्रहण कानून की समस्या को देखते हुए प्रशासन की कोशिश दायरे में आने वाले भूस्वामियों से समझौता व सुलह के साथ जमीन हासिल करने की है। इसके लिए प्रत्येक खातेदार से वार्ता की जानी है। वार्ता की रूपरेखा अभी तैयार नहीं हुई है। शहर में हवाई पट्टी के आसपास की जमीन बेहद कीमती है। आपसी सहमति से जमीन की कीमत अदा कर 250 एकड़ जमीन हासिल करना मुमकिन नहीं लग रहा है। यह बात अलग है कि अगर वार्ता के जरिए भूमि हासिल की जाती है, तो भूमि अधिग्रहण कानून रोड़ा नहीं बनेगा।
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वार्ता होगी-एडीएम(इ)
फैजाबाद : अपर जिलाधिकारी प्रशासन आरएस पांडे ने बताया कि एयरपोर्ट के लिए जरूरत पड़ने वाली जमीन के लिए खाताधारकों से बातचीत कर बैनामा लिखाया जा सकता है। इसके लिए सभी से वार्ता कर उन्हें समझाया-बुझाया जाएगा।