खास मकसद से अयोध्या आ रहा था छोटा राजन का गुर्गा
फैजाबाद : अंतराष्ट्रीय अपराधी विशेश्वर मिश्र की गिरफ्तारी से सुरक्षा तंत्र के कान खड़े हो गए है। दाउद के धुर विरोधियों में शुमार छोटा राजन के इस चहेते गुर्गे से उसका आपराधिक इतिहास उगलवा चुकी क्राइम ब्रांच यह जानने में अभी तक असफल रही है कि उसके अयोध्या आने का मकसद क्या है। पूछताछ में उसने अयोध्या आने का मकसद भले ही दर्शन बताया हो लेकिन सुरक्षा तंत्र को आशंका है कि श्रद्धालु का लाबादा ओढ़े छोटा राजन का यह गुर्गा अयोध्या नेक इरादा लेकर नहीं आ रहा था। विशेश्वर की आमद अयोध्या में छोटा राजन के मददगारों के सक्रिय होने की ओर भी इशारा करती है, जिसके बल पर यहां किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की पृष्ठभूमि तैयार हो रही थी। विशेश्वर की गिरफ्तारी के बाद अयोध्या में भी खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है। आइबी और अन्य खुफिया एजेंसियां विशेश्वर से राज उगलवाने के लिए देररात यहां पहुंच जाएंगी।
महज 27 साल की उम्र वाला विशेश्वर दो साल में ही न सर्फ छोटा राजन के गिरोह में शामिल हुआ बल्कि डॉन के इतना करीब भी पहुंच गया कि उसने विश्वासपात्र बन वह इंटरनेशनल सिम भी हासिल किया, जो छोटा राजन के कुछ ही गुर्गो के पास है। इस सिम पर सिर्फ छोटा राजन ही फोन करता है। बताते हैं कि इस खास सिम को ट्रेस कर पाना भी मुश्किल है। विशेश्वर वर्ष 2012 में मुंबई पहुंचा जहां प्रापर्टी डीलिंग के सहारे उसकी मुलाकात छोटा राजन के करीबी गुजरात निवासी समीर से हुई। समीर के सहारे वह छोटा राजन तक पहुंचा। विशेश्वर का नाम यूं तो कई वारदातों में शामिल रहा है लेकिन गत 28 मार्च को सूरत में दाउद के करीबी बताए गए हवाला कारोबारी की हत्या के प्रयास का मामला अपराध जगत में उसकी लोकप्रियता बढ़ाने वाला साबित हुआ। सुरक्षा तंत्र की माने तो इस वारदात के बाद दाउद से आमने सामने की रंजिश बढ़ गई। डी कंपनी के आंख की किरकिरी बने विशेश्वर की हत्या के लिए दाउद के गुर्गे उसे तलाश कर रहे थे। वारदात के बाद वह नेपाल चला गया और वहीं रुक गया। नेपाल में उसने छोटा राजन के कहने पर माओवादी संतोष से मिलकर होटल व्यापारी की हत्या कर दी। विशेश्वर 19 जून को नेपाल से दुबई आया। 30 जुलाई को विशेश्वर छोटा राजन के इशारे पर लखनऊ पहुंचा और गुरुवार को लखनऊ से बस द्वारा उसे पटरंगा स्थित एक ढाबे पर पहुंचने का निर्देश छोटा राजन की कंपनी से मिला था। पूछताछ में पता चला कि ढाबे पर राजेश नाम का एक युवक उसे गाड़ी से अयोध्या लेकर जाता। फिलहाल विशेश्वर की गिरफ्तारी पर पीठ थपथपा रही क्राइम ब्रांच के लिए राजेश सहित अयोध्या-फैजाबाद में छुपे छोटा राजन के मददगारों को तलाशना चुनौती साबित होगा।