वर्चस्व की जंग में 'अखाड़ा' बनी सीएचसी
रुदौली (फैजाबाद) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरनपुर रुदौली वर्चस्व की जंग में अखाड़ा बन गई है। अधिक मरीजों को देखने के चक्कर में दो महिला चिकित्सकों के मध्य चल रही आपसी खींचतान व गुटबाजी अब खुलकर सामने आ चुकी है। इतना ही नहीं अब सीएचसी में चिकित्सकों के मध्य चल रहे विवाद का मामला न्यायालय व कोतवाली तक जा पहुंचा है। लगभग पांच माह पहले दो महिला चिकित्सकों के मध्य विवाद हुआ था।
सीएचसी में तैनात चिकित्सक डॉ. अंजू वर्मा ने यहां पर ही कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ. सुषमा त्रिवेदी के खिलाफ मारपीट करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया था। कोतवाली में तहरीर भी दी थी। लेकिन पुलिस ने मामला नहीं दर्ज किया था। तब महिला चिकित्सक ने न्यायालय की शरण ली और सोमवार को न्यायालय के आदेश पर रुदौली कोतवाली में डॉ. सुषमा त्रिवेदी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। डॉ. अंजू जायसवाल ने बताया कि सुषमा ने मरीज देखते समय उसके कक्ष में आकर गाली गलौच करते हुए मारपीट की और सरकारी कार्य में बाधा डाली। जबकि डॉ. सुषमा त्रिवेदी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अंजू ने अपने पति के साथ उसके कक्ष में आकर डराया धमकाया था। इसकी शिकायत अधीक्षक व सीएमओ से की थी। शिकायत का बदला लेने के लिए मुकदमा दर्ज कराया गया था।
काश! शिकायत को संज्ञान में लेता स्वास्थ्य प्रशासन
पांच माह पहले दो महिला चिकित्सकों के मध्य हुए विवाद को अगर स्वास्थ्य प्रशासन संज्ञान में लेता और कार्रवाई करता तो शायद मामला न्यायालय व पुलिस तक नहीं पहुंचता। ऐसे में सीएमओ व अधीक्षक की प्रशासनिक कार्यक्षमता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
सब जानती है पुलिस
इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस भी वाकिफ है। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जनार्दन दुबे को जब मामले की तहरीर मिली थी तो वह जांच करने अस्पताल गए थे। मामला समझने के बाद उन्होंने मुकदमा नहीं दर्ज किया था। प्रभारी निरीक्षक एसएन वर्मा खुद बताते हैं कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
अफसरों के बोल
सीओ संतोष सिंह ने बताया कि चौकी प्रभारी भेलसर ओंकार नाथ यादव को विवेचना सौंपी गई है। मामले की छानबीन की जाएगी। उसके बाद कार्रवाई होगी। सीएमओ डॉ. राकेश यादव ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। मुकदमा दर्ज कराने की जानकारी से उन्होंने इनकार किया है।