बूचडख़ानों पर रोक से इटावा सफारी के शेरों की बल्ले-बल्ले, खा रहे मटन चिकन
अवैध बूचडख़ानों व मीट की दुकानों के खिलाफ प्रदेश सरकार के अभियान के बाद इटावा सफारी के शेर मटन और चिकन खा रहे हैं। इन्हें पहले भैंसे का मीट दिया जाता था।
इटावा (जेेएनएन)। अवैध बूचडख़ानों व मीट की दुकानों के खिलाफ प्रदेश सरकार के अभियान के बाद इटावा सफारी के शेर मटन और चिकन खा रहे हैं। इन्हें पहले भैंसे का मीट दिया जाता था। दो दिन से शहर में भैंसे का मीट बिकना बंद हो गया है। इससे समस्या खड़ी हो गई। इटावा सफारी पार्क के चिकित्सक डा.अरविंद त्रिपाठी का कहना है कि शेरों को भैंसे का मीट ही पसंद है। कुछ दिन तो उसे बकरे का मीट खिलाया जा सकता है परंतु ज्यादा दिन तक नहीं। अन्य जानवरों के मुकाबले भैंस के मांस में प्रोटीन और फैट का बेहतर संयोजन होता है।
इटावा सफारी पार्क में इस समय तीन शेर, तीन शेरनी व दो शावक हैं। गुजरात से लाए गए इन शेरों के लिए प्रतिदिन करीब 50 किलो भैंसे का मीट सप्लाई किया जाता था। अवैध दुकानों को बंद कराए जाने से अब भैंसे का मीट दो दिन से नहीं मिल रहा है। ऐसे में शेरों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया। इस पर दो दिन से शेरों को मटन व चिकन उपलब्ध कराया जा रहा है। सफारी में मीट सप्लाई करने वाले ठेकेदार निजाम हाजी का कहना है कि भैंसे का मीट बंद होने के कारण बकरे व मुर्गे का मीट देना पड़ रहा है जो काफी महंगा है। लायन सफारी में उप निदेशक अनिल कुमार पटेल ने बताया कि ठेकेदार को नगर पालिका से लाइसेंस प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। अगर ऐसा नहीं होता है तो किसी अन्य स्थान से शेरों के लिए मीट उपलब्ध कराया जाएगा।