पशु पक्षियों की प्यास बुझाने का कोई प्रबंध नहीं
संवादसूत्र, बकेवर : लखना व बकेवर नगर में विचरण करते बेजुबान पशुओं एवं पक्षियों के पीने के पानी का को
संवादसूत्र, बकेवर : लखना व बकेवर नगर में विचरण करते बेजुबान पशुओं एवं पक्षियों के पीने के पानी का कोई प्रबंध नहीं है। भीषण गर्मी में प्यासे भटकते पशु नालियों एवं गड्ढों में भरा गंदा पानी पीने को विवश हैं। विभिन्न स्थानों पर बनी पानी की कुंडियों में काई, कूड़ा और बारिश का पानी भरता है। नगर पंचायत प्रशासन और समाजसेवी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
एक समय था जब लोग पशुओं के लिए घरों के बाहर पीने के पानी का बंदोबस्त करते थे। पक्की कुंडियां होती थीं या फिर मिट्टी का बड़ा बर्तन जिसे नांद कहा जाता था। यह बर्तन पशुओं को पानी पीने के अलावा उनके चारे के लिए भी काम आता था। बाजारों में नगर पंचायत इसका प्रबंध करती थी। ऐसे स्थानों पर जहां पशुओं का होना पाया जाता था वहां कुंडी बना दी जाती थी, प्रतिदिन पशु वहां पहुंच कर पानी पीते थे। बकेवर नगर में पहले लखना मार्ग पर तांगा स्टैंड हुआ करता था, यहां एक पानी की कुंडी बनी है। लखना नगर में रामलीला मैदान के पास भी कुंडी बनी है जिसे नगर पंचायत की टंकियों से भरा जाता था। बुजुर्गों की मानें तो यह कुंडी आठ दशक पुरानी होगी जिसमें भरे गए पानी से पशु अपनी प्यास बुझाते थे। रखरखाव और देखरेख के अभाव में ये दोनों कुंडी बदहाल हो गई हैं और काई, कूड़ा-करकट व बारिश का गंदा पानी इनमें भरा रहता है।
नगर भर में पशुओं के पीने के पानी का कोई प्रबंध नहीं है। पशु सड़कों के गड्ढों व नालियों का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार नगर पंचायत प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है और समाजसेवी भी इस ओर से मुंह मोड़े हुए हैं। इस संबंध में बकेवर नगर पंचायत अध्यक्ष रेशमा यादव बताती हैं कि लखना मार्ग पर तांगा स्टैंड की कुंडी में नगर पंचायत द्वारा पेयजल आपूर्ति कराई जाती है और यदि कुंडी गंदी है तो उसकी साफ-सफाई कराई जाएगी। वहीं नगर पंचायत लखना के अध्यक्ष सतीश वर्मा ने जल्द ही इस समस्या के निराकरण करने की बात कही है।