झुक कर चारों धाम खड़े हैं अम्मा तेरे चरणों में
बकेवर, संवादसूत्र : लखना के रामलीला मैदान में कवि सम्मेलन में हास्य रचनाओं पर श्रोताओं ने जमकर ठहाके
बकेवर, संवादसूत्र : लखना के रामलीला मैदान में कवि सम्मेलन में हास्य रचनाओं पर श्रोताओं ने जमकर ठहाके लगाए तो वहीं वीर रस की कविताओं ने राष्ट्रभक्ति का जज्बा जगाया।
पूर्व विधायक केके राज ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। सरस्वती की वंदना करते हुए वीर रस के कवि संजय चौहान ने कवि सम्मेलन की शुरुआत की। हास्य कवि हेमंत पांडेय ने कहा कि जो देश के दर्द और नारों में खड़े हैं हम जानते हैं किसके इशारों में गढ़े हैं। श्रृंगार रस के कवि धीरज ¨सह चंदन ने झुक कर चारों धाम खड़े हैं अम्मा तेरे चरणों में सुनाकर वाहवाही लूटी। अनिल दीक्षित ने बन संवरना किसे नहीं आता आहें भरना किसे नहीं आता सुनाया।
फर्रुखाबाद से आए वरिष्ठ रचनाकार मुन्नालाल सौरभ ने कार से दुल्हिन उतरि न पाई नाई दयो बुलऊआ सुनाकर श्रोताओं में गुदगुदी पैदा कर दी। गीतकार शिखा मिश्रा ने बजती हैं चूड़िया ये खनन सुनाकर जमकर ताली बटोरी। कवि सम्मेलन से पूर्व तकरीबन एक दर्जन सेवानिवृत्त सैनिकों को कार्यक्रम के आयोजक विनोद पोरवाल मानसी, शिवकुमार चौहान, संजू, छोटे ¨सह चौहान, संजीव त्रिपाठी, विक्रम ¨सह, रामनरेश त्रिपाठी आदि द्वारा सम्मानित किया और अतिथियों एवं कवियों का साफा पहना कर सम्मान किया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष सतीश वर्मा, गोपाल सारस्वत, संजय महेश्वरी, दीप चंद्र वर्मा, रामलीला समिति अध्यक्ष संतोष चौहान, जनवेद ¨सह यादव, राकेश यादव आदि उपस्थित रहे।