दहेज हत्या के तीन मामलों में कड़ी सजा
इटावा, जागरण संवाददाता : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट डा. विदुषी ¨सह ने दहेज हत्या
इटावा, जागरण संवाददाता : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट डा. विदुषी ¨सह ने दहेज हत्या के तीन मामलों के आरोपियों को दोषी माना। सभी दोषियों को कड़ी सजा सुनाई। तीनों मामलों में सजा कराने के लिए शासकीय अधिवक्ता संजय दुबे ने जमकर पैरवी की थी। पहला मामला थाना चौबिया के गांव नगला डुढ़हा के अर¨वद तथा र¨वद्र पुत्रगण इलाकेदार के खिलाफ था, अर¨वद की पत्नी अनीता की संदिग्ध हालात में 23 जनवरी 2002 को मौत हो गई थी। मृतका के पिता मुलायम ¨सह ने दोनों भाइयों के खिलाफ दहेज में बाइक तथा भैंस की मांग पूरी न करने पर प्रताड़ित करके मार डालने का अभियोग दर्ज कराया था। साक्ष्यों के आधार पर दोनों दोषी माने गए इसके तहत 14-14 साल की कैद तथा 6-6 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दूसरा मामला थाना सहसों के गांव ¨सडौस के नीरज दिवाकर पुत्र शिवनरायन ¨सह के खिलाफ दर्ज कराया गया था। नीरज दिवाकर की पत्नी रानी 14 मई 2014 की रात संदिग्ध हालात में आग से बुरी तरह जल गईं थीं, रिम्स सैफई में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतका के चाचा महेश कुमार ने नीरज के खिलाफ दहेज हत्या का आरोप लगाया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद नीरज को दोषी माना गया उसे 14 साल की कैद तथा 3 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
तीसरा मामला थाना जसवंतनगर के गांव भतौरा के सुनील कुमार पुत्र राधेलाल के खिलाफ था। सुनील की पत्नी सुनीता की 20 मई 2011 को संदिग्ध हालात में जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत हो गई थी। मृतका के पिता ने सुनील के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के तहत आत्महत्या के लिए विवश करने का अभियोग दर्ज कराया था। साक्ष्यों के आधार पर सुनील दोषी साबित हुआ। इसके तहत उसे 5 साल सश्रम कारावास तथा 7 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।