कचहरी के कैमरों में कैद नहीं हो रहीं गतिविधियां
इटावा, जागरण संवाददाता: बीते साल कचहरी गेट के समीप दिनदहाड़े युवक की हत्या के बाद प्रशासन ने कचहरी पर
इटावा, जागरण संवाददाता: बीते साल कचहरी गेट के समीप दिनदहाड़े युवक की हत्या के बाद प्रशासन ने कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी थी। कचहरी में आवागमन करने वालों की गतिविधियां सीसी कैमरों में कैद करने के लिए विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे। नजारत में कंट्रोल रूम बनाया गया, 3-4 माह तक इस ओर सक्रियता बरती गई उसके पश्चात अधिकतर कैमरे किसी न किसी कारण से कार्य करना बंद कर गए है। दूसरी ओर कचहरी में तथाकथित प्रभावशाली बेरोकटोक आवागमन कर रहे हैं, इससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है।
कचहरी परिसर हर समय संवदेनशील रहता है इसमें कोई शक नहीं है। परिसर के चारों ओर आधा दर्जन द्वार हैं, इन द्वारों का मकसद ही यह है कि आम जनता अपनी सुविधानुसार किसी भी द्वार से वाहन सहित आवागमन कर सके। बीते साल 28 मई को गेट के समीप युवक की हत्या के बाद प्रशासन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तो न कर सका, सभी द्वारों पर पुलिस पिकेट लगाकर लोगों का आवागमन प्रभावित करा दिया। तीन द्वारों पर ऐसी सांकल लगाई गई जिससे पैदल एक आदमी द्वार पार कर सके, न्यायालय, एसएसपी तथा एडीएम कार्यालय के द्वारों पर पुलिस-पीएसी तैनात करके अधिकारियों, अधिवक्ताओं, कर्मियों तथा मीडिया के लोगों को वाहन सहित आवागमन करने की छूट दी गई, इनके अलावा अन्य सभी अपने वाहन सड़क पर खड़ा करके पैदल आवागमन करें। प्रशासन ने कचहरी परिसर में नौ ¨चहित स्थानों पर सीसी कैमरे लगवाएं, शुरू के दो-तीन महीने यह व्यवस्था कड़ाई से चली इसके बाद तथाकथित प्रभावशाली लोगों ने यह व्यवस्था प्रभावित कर दी। अब न तो कैमरे काम कर रहे हैं और न वाहनों सहित आवागमन करने वालों को चेक किया जा रहा है। सिर्फ दो पहिया वाहन सवारों को टोका जाता है।
अधिवक्ता वर्ग नाराज
कचहरी परिसर के पूर्वी तथा दक्षिणी ओर के द्वारों से वाहन सहित आवागमन न होने तथा प्रतिबंधित मुख्य द्वारों के आसपास वाहन पार्किंग व्यवस्था न होने से अधिवक्ता वर्ग खासा नाराज है। जिला बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष मनोज दीक्षित का कहना है कि गेटों पर तैनात पुलिस कर्मी आम लोगों के साथ अभद्रता करते हैं, वाहनों की कोई सुरक्षा नहीं है।
तार टूटने से प्रभावित होते हैं कैमरे
जिलाधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि कचहरी में बंदरों द्वारा अक्सर तार तोड़ दिये जाने के कारण कैमरे प्रभावित होते हैं और काम करना बंद कर देते हैं उनकी जानकारी में आने पर कैमरों को ठीक करा दिया जाता है।