या अल्लाह, हर 37वें घंटे मर्डर
सोहम प्रकाश, इटावा: जिलाधिकारी आवास पर तैनात सफाईकर्मी राजेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। 19 अप्र
सोहम प्रकाश, इटावा: जिलाधिकारी आवास पर तैनात सफाईकर्मी राजेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। 19 अप्रैल की रात हुई इस घटना के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, वहां उसने दम तोड़ दी। सुधा ने दो गार्डों पर पति की हत्या का आरोप लगाया। अगले दिन सफाई कर्मियों ने पूरे शहर में बवाल किया। गार्डों पर मुकदमा, मुआवजे की मांग ने जोर पकड़ा। अधिकारियों के हस्तक्षेप से अज्ञात में हत्या का मुकदमा और मुआवजे के आश्वासन पर मामला शांत तो हुआ लेकिन सवाल सुलगते रहे। माकपा ने मौत को लेकर 'यक्ष सवाल' दागते हुए सीबीआई जांच की मांग उठाई।
सदर कोतवाली में प्रमोद कुमार की मौत। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वजह सिर में चोट मानी गई। 14 अप्रैल की रात प्रमोद की मौत के बाद उसके ताऊ रामप्रकाश का कहना था कि पुलिस ने अपनी गर्दन बचाने के लिए किसी दूसरे से मन मुताबिक तैयार की गई तहरीर पर प्रमोद की पत्नी माला से हस्ताक्षर करा लिए थे। दूसरी तरफ एसएसपी ने दो सिपाही, एक मुंशी को निलंबित भी किया। बहरहाल हिरासत में प्रमोद की मौत के सुलगते सवाल लपटें बनने से पहले ही धुआं हो गए। इस घटना से पखवाड़े भर पहले ही बकेवर थाना में शातिर अपराधी धर्मवीर यादव उर्फ भूरे की मौत हुई थी। तब पुलिस ने गुनाह छिपाने की गरज से उसका शव पिलखना गांव के पास ¨फकवा दिया था।
मौसम के तौर पर जून की तपिश को अप्रैल में महसूस किया गया। संगीन-सनसनीखेज अपराधों के नजरिये से देखें तो चढ़ता पारा सिर चढ़कर बोला। सुनियोजित और गैर इरादतन हत्याओं का सिलसिला इस कदर तेज रहा कि अप्रैल की 19 तारीखें खून से सन गईं। इनमें जिलाधिकारी आवास और सदर कोतवाली की घटना वाली तारीखें मायने रखती हैं। हर 37वें घंटे हत्या के औसत से खून बहता रहा। रंजिशों में गर्माहट बढ़ी। अलग-अलग तारीखों में 19 लोगों की हत्या हुई, इनमें दो युवकों व एक किशोर की हत्या करके शव कुंओं में फेंके गए।
मुख्यमंत्री के गृह जनपद में हत्याओं का ही सिलसिला तेज नहीं है, लूट की वारदातों का ग्राफ भी चौकाने वाला है। अप्रैल में लूट के 27 मामले दर्ज हुए। दस्युओं के सफाए से चंबल घाटी शांत है तो लुटेरे बाइक और बोलरो से मैदानी इलाकों में लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। शहर के बाजार हों अथवा फोरलेन-सिक्सलेन हाइवे सभी पर लुटरे सक्रिय हैं। पिछले वर्ष के अंत में डीआईजी नीलाब्जा चौधरी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा में इटावा में महिला अपराधों में वृद्धि पर ¨चता जताई थी। छह तहसीलों वाले इस जनपद में अफसर तहसील दिवस का दरबार कहीं भी लगाएं, उनमें सर्वाधिक शिकायतें जमीनों पर कब्जे की आती हैं।
'सफाईकर्मी राजेश की मौत की जांच कराई जा रही है। उस पर चोरी के इल्जाम की जानकारी नहीं है।'-डा. नितिन बंसल, जिलाधिकारी 'इटावा में अपराधियों पर नजर रखने के लिए अपराधियों का रिकार्ड साफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया गया है। जोन में नेशनल हाइवे पर लूट पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। पुलिस को व्यापक गश्त के निर्देश दिए गए हैं।'-जकी अहमद, आईजी कानपुर जोन