गायों के अभाव में पशु मेले में छाया सन्नाटा
इटावा, जागरण संवाददाता : इटावा महोत्सव के तत्वावधान में लगने वाले ऐतिहासिक पशुमेला को इस वर्ष पता नह
इटावा, जागरण संवाददाता : इटावा महोत्सव के तत्वावधान में लगने वाले ऐतिहासिक पशुमेला को इस वर्ष पता नहीं किसकी नजर लग गयी जो समापन से पूर्व ही संपन्न होने की ओर अग्रसर हो रहा है। मेले में इस वर्ष गाएं न आने से मेला की आय भी बहुत गिर गयी है। हालत यह है कि इस समय मेला से रौनक गायब होती जा रही है। इसके चलते मेले में आये हुए खान-पान के दुकानदार भी घाटे के कारण परेशान नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष पशुमेला अपने निर्धारित समय से पहले ही शुरू हो गया था और मेले में 10 नवंबर को ही पशुओं की आमद हो गयी थी। प्रशासन ने भी 13 नवंबर को औपचारिक उदघाटन कर दिया था, बावजूद इसके मेले में इस वर्ष गाय नहीं आई हैं। मुरादाबाद के व्यापारी रामसूरत, रामपुर के हाफिज, बदायूं के नंदलाल का कहना है कि पुलिस की ज्यादती के कारण बाहर से आने वाले व्यापारी नहीं आये हैं। मेला में गाय न आने से खरीददार लौट रहे हैं, जिन व्यापारियों ने माल खरीद लिया है उनके लिए वाहन नहीं मिल रहे हैं। कारण है संबंधित क्षेत्र से गुजरने पर पुलिस द्वारा परेशान किया जाना। इससे बचने के लिए व्यापारी छोटे वाहन से गली कूचों के रास्ते से गंतव्य को पहुंच रहे हैं। एक माह तक चलने वाले मेले से एक सप्ताह का लेखा जोखा बता रहा है कि इस वर्ष महोत्सव को पशु मेले से आय में नुकसान उठाना पड़ेगा।
सात दिन में मेले की आय एक नजर में
गत वर्ष ----------- इस वर्ष
पहले दिन 4350 ----- 2700
दूसरे दिन 48000 ----- 6,000
तीसरे दिन 1,64400 ---- 24,000
चौथे दिन 1,93650 ----- 72,450
5वें दिन 1,42200 ----- 95,850
6वें दिन 57,150 ---- 72,400
7वे दिन 61700 ------ 28,350
सात दिन का योग : 6,71450 ----- 3,25,650