पॉलीक्लीनिक में इलाज के साथ दवाएं भी मुफ्त
इटावा, जागरण संवाददाता : भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों तथा सेवारत सैनिकों के लिए शहर में तुलसी का
इटावा, जागरण संवाददाता : भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों तथा सेवारत सैनिकों के लिए शहर में तुलसी का अड्डा स्थित पॉलीक्लीनिक में इलाज और दवाओं की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। यहां लगने वाली ओपीडी में प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे तक तीन डॉक्टर्स इटावा तथा औरैया के औसतन लगभग सौ पात्र मरीजों का समुचित इलाज कर रहे हैं और मरीज स्वास्थ्य लाभ पा रहे हैं। इन डाक्टरों को आंख, दांत व स्त्री रोग की विशेषज्ञता हासिल है। इसके अलावा पॉलीक्लीनिक में पैथोलॉजी भी संचालित है जिसमें सभी प्रकार की माइक्रोबायोलॉजी जांचें होती हैं। यहां आने वाले 80 आयु से अधिक के मरीजों को वरीयता के आधार पर उपचार मुहैया कराया जाता है। इसके लिए सिर्फ एक बार कार्ड बनवाना होता है, फिर कभी भी और किसी भी बीमारी के लिए दिखा सकते हैं। यह कहना है रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक प्रभारी ¨वग कमांडर राजेंद्र ¨सह का। वे दैनिक जागरण कार्यालय में जागरण प्रश्न प्रहर कार्यक्रम के तहत भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों की समस्याओं का फोन पर निदान सुझा रहे थे।
¨वग कमांडर ने बताया कि जनपद में 26590 पंजीकृत भूतपूर्व सैनिक व आश्रित हैं। उन्होंने बताया कि जो इलाज पॉलीक्लीनिक में उपलब्ध नहीं हैं उनके लिए अच्छे किसी अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है और वहां आने वाले खर्च का भुगतान भी नियमानुसार किया जाता है। इसके अलावा पॉलीक्लीनिक में यदि कोई दवा तात्कालिक रूप में नहीं है तो 48 घंटों के अंदर मंगवाकर उसे उपलब्ध करा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में यदि भूतपूर्व सैनिक या उनके आश्रित को कहीं बाहर इलाज लेना पड़ जाए तो उसमें आने वाले खर्च का बिल व अन्य कागजात जमा करने पर रीइंबर्समेंट भी कराया जाता है।
लोगों के सवालों का दिया जवाब
सवाल : क्या सैफई पीजीआई पॉलीक्लीनिक के पैनल में है? कैंटीन का कार्ड दोबारा बनने में कितना समय लगेगा।
-वीरेन्द्र ¨सह चौहान, गला चौहान
जवाब: यूपी रिम्स सैफई को पैनल में लाने के लिए रक्षा मंत्रालय में आवेदन किया गया है। एक टीम आकर इन्सपेक्शन करेगी उसके बाद यह हमारे पैनल में होगा। दोबारा कैंटीन कार्ड बनवाने के लिए पुराना कार्ड जमा करें, रसीद मिलेगी। अधिकतम 40 दिन में कार्ड मिल जाएगा, तब तक उस रसीद से खरीदारी कर सकते हैं।
सवाल: मेरा घुटना प्रत्यारोपण हुआ था। पॉलीक्लीनिक में फिजियोथेरेपी करवाना चाहती हूं।
- प्रेमलता त्रिपाठी, अशोक नगर
जवाब: फिलहाल हमारे यहां यह सुविधा नहीं है। यदि डॉक्टर ने फिजियोथेरेपी करवाने को लिखा है तो आप प्राइवेट डॉक्टर से करवा लें। मंत्रालय नियमों के अनुसार खर्च उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सवाल: पॉलीक्लीनिक की सुविधा बहुत अच्छी है, इसका प्रचार-प्रसार इतना नहीं होता। - रिटा. हवलदार अंगद ¨सह, उदी मोड़ ।
जवाब: समय-समय पर तहसील स्तर पर जाकर बैठक आयोजित कर लोगों को जानकारी दी जाती है। कई भूतपूर्व सैनिक और उनके आश्रित इलाज करवाने आते हैं।
सवाल: कम्यूटेशन पीरियड समाप्त हो चुका है, पूरा पैसा नहीं मिल रहा है। विकलांग होने के कारण आवागमन में कठिनाई होती है।- रिटा. हवलदार सोबरन ¨सह यादव, चकरनगर।
जवाब: अपने कागजात लेकर मिलें। पेंशन ऑफिस व रिकॉर्ड ऑफिस में एप्लीकेशन भेजकर पीपीओ में सुधार कराया जाएगा, पूरा पैसा मिलेगा और एरियर भी मिलेगा।
सवाल : जनपद में कितने भूतपूर्व सैनिक हैं।-अनूप कुमार, लखना
जवाब : जनपद में लगभग 27 हजार भूतपूर्व सैनिक व उनके आश्रित हैं। जिन्हें यहां पर सुविधाएं दी जाती हैं।
सवाल : पॉलीक्लीनिक में क्या-क्या सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं।-कृष्ण कुमार, चकरनगर।
जवाब : पॉलीक्लीनिक में नि:शुल्क जांचें व दवा भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को मुहैया करायी जाती हैं।