महिला अस्पताल,जहां दवाओं को भटकते मरीज
डॉक्टर का कोई लोगो लगा लें। इटावा, जागरण संवाददाता : मुख्यमंत्री के जनपद में संचालित डा. भीमराव अ
डॉक्टर का कोई लोगो लगा लें।
इटावा, जागरण संवाददाता : मुख्यमंत्री के जनपद में संचालित डा. भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल के महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ित महिलाओं के लिए लंबे समय से आवश्यक दवाओं का अभाव बना हुआ है। हालत यह है कि प्रसव पीड़ा से कराह रही प्रसूता के लिए यहां दर्द निवारक इंजेक्शन भी परिजनों से मंगवाकर लगाया जाता है। अस्पताल में दवाओं की कमी का लाभ निजी क्षेत्र के मेडिकल स्टोर वाले जम कर उठा रहे हैं। मरीजों के तीमारदार भी मरीज की कुशलता को लेकर अपनी जुबान नहीं खोल रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज से किसी भी तरह की दवा बाहर से न मंगाई जाये, अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है। जबकि धरातल पर ठीक इसके विपरीत नजर आ रहा है। महिला अस्पताल में आने वाली प्रसव पीड़िताओं को दवा के अभाव में पलंग पर ही कराहना पड़ता है। जब मरीज की प्रसव पीड़ा असहनीय हो जाती है तो तीमारदार परेशान हो उठता है और बाहर से दवा लाने को मजबूर हो जाता है।
शनिवार को तीमारदार, रामकिशन यादव दवहा, उमेश चंद्र शाक्य बसरेहर, रमेश चंद्र कुसमरा व श्यामवीर ¨सह चितभवन ने बताया कि उनसे जब प्रसूता को दर्द से तड़पता हुआ नहीं देखा गया तो कहा गया कि इंजेक्शन लेकर आओ, तुरंत इंजेक्शन खरीद कर लाने के बाद कहीं जाकर दर्द से आराम मिला। इसी प्रकार कई अन्य मरीजों ने बताया कि उनका मरीज अस्पताल में भर्ती है, अगर नाम सामने आ गया तो अस्पताल प्रशासन परेशान करेगा और मरीज के सामने परेशानी खड़ी हो जायेगी। मिली जानकारी में बताया गया है कि महिला अस्पताल में बच्चा रोकने के काम आने वाला इंजेक्शन व कैप्सूल हाईडोक्सी प्रोजेस्टोन, इंजेक्शन एन्टी-डी, टेबलेट फोलिक एसिड के साथ ही पेट दर्द से संबंधित दवाओं का अकाल बना हुआ है। यह दवाएं मरीजों के तीमारदारों से ही मंगाई जाती है। इस संदर्भ में मुख्य चिकित्सक अशोक जाटव ने बताया कि महिला जिला अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है।