तीन माह बाद भी अधर में ग्राम पंचायतों की जांच
चकरनगर, संवाद सहयोगी : पिछड़े विकास खण्ड में तीन ग्राम पंचायतों की जांचें तीन माह बाद भी अधर में लटकी
चकरनगर, संवाद सहयोगी : पिछड़े विकास खण्ड में तीन ग्राम पंचायतों की जांचें तीन माह बाद भी अधर में लटकी हैं। हालांकि एक ग्राम पंचायत के मजरा में अधूरे कार्य को ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा निर्माण कार्य कराने की कवायद शुरू कर दी गयी है। जांच न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से उक्त मामले में जांचकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
विकास खण्ड चकरनगर में जनता की शिकायतों के बाद ददरा, कचहरी एवं बिहार ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच तो शुरू की गयी थी, किन्तु शुरू होते ही जांचों पर ग्रहण लग गया। उक्त जांचों को लगभग तीन माह का समय पूरा होने जा रहा है, लेकिन अभी तक एक भी ग्राम पंचायत की जांच का रिजल्ट जनता के सामने नहीं आया है। अधूरी पड़ी जांचों पर जांच अधिकारियों से लेकर जिला स्तरीय किसी भी सक्षम अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। ग्राम पंचायतों में प्रधानों एवं सचिवों द्वारा बड़े पैमाने पर की गयी धांधली की पोल बिहार ग्राम पंचायत में जांच के उपरांत कराये जा रहे खड़ंजा व नाली निर्माण से साफ तौर पर उजागर हो रही है। उक्त निर्माण कार्य को जब शिकायतकर्ता हरी ¨सह कतरौली व अन्य ग्रामीण रुकवाने गये तो न सिर्फ कहा-सुनी हुई, बल्कि मामला बिठौली थाना पुलिस तक भी पहुंच गया। बिठौली थाना पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति भंग में पाबंद कर मामला शांत कराया। इस सबके बाद भी जांच दो माह बाद अभी भी जांच ही बनी हुई है।
जांच का विषय तो यह है कि आखिर जिस ग्राम पंचायत की निगरानी की जा रही है उसमें खड़ंजा व नाली निर्माण कार्य का आदेश किसी अधिकारी द्वारा दिया गया या फिर प्रधान व सचिव ने अपनी मनमर्जी से ही काम शुरू करा दिया है। ग्रामीण राजेन्द्र ¨सह, मजबूत ¨सह, सोनू ¨सह, रामआसरे, मंजूदेवी, लखन ¨सह, जगेश्वर ¨सह, गोरे ¨सह, बाबू ¨सह, तुलाराम, संग्राम ¨सह, रामबरन, अनंत ¨सह, फूल ¨सह, बदन ¨सह, तुलाराम, श्रीकृष्ण, सत्यभान ¨सह, प्रहलाद, धर्मेन्द्र, धनीराम, दलवीर ¨सह, राजेश, धर्मपाल, पंचायत सदस्य मेनका देवी, ऊषा देवी, ज्ञान ¨सह, राजेन्द्री देवी, सुखराम, रामकरन ¨सह, कौशलेन्द्र, लीलावती, राजाराम आदि सैकड़ों ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बिहार ग्राम पंचायत की अधर में लटकी जांच को शीघ्र पूरा कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
तीन माह बीत गये, किन्तु जांच आज भी पूरी नहीं की गयी है। ऊपर से खड़ंजा व नाली का निर्माण कार्य पता नहीं किसके आदेश से शुरू करा दिया गया है।
हरी ¨सह, कतरौली
अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति की गयी है अन्यथा अभी तक दूध का दूध, पानी का पानी हो गया होता।
रामकरन ¨सह, क्षेत्र पंचायत सदस्य कतरौली
जांच तो एक बार आई थी, उसके बाद पता ही नहीं चला, कि क्या हुआ।
ज्ञान ¨सह, ग्राम पंचायत सदस्य गौरनपुरा