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50 हैंडपंपों की सूची ही दे पाये सांसद

इटावा, जागरण संवाददाता : मोदी लहर में सपा के गढ़ में चुने गए भाजपा के सांसद अशोक दोहरे क्षेत्र की जन

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:22 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:22 AM (IST)
50 हैंडपंपों की सूची ही दे पाये सांसद

इटावा, जागरण संवाददाता : मोदी लहर में सपा के गढ़ में चुने गए भाजपा के सांसद अशोक दोहरे क्षेत्र की जनता को अभी तक नजर नहीं आए है जिससे जनता ने उनको लापता सांसद घोषित कर रखा है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सांसद निधि से महज 50 लाख रुपये इस जनपद के लिए प्रदान किए हैं, उसमें 50 हैंडपंपों की सूची प्रशासन को सौंप दी। शेष धन उनकी मर्जी के मुताबिक विकास कार्यों में लगाया जायेगा। लोकसभा इटावा में औरैया तथा कानपुर देहात भी शामिल है, इनमें इटावा का क्षेत्रफल ज्यादा है, इसके बावजूद निधि का महज दस फीसद हिस्सा प्रदान किया है, इससे जनता में उनके प्रति खासा आक्रोश पनप रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसद ने जनपद के महेवा गांव को गोद लिया है, वहां भी बदहाली का आलम है। विकास के लिए अभी सिर्फ प्लान बनाने तक ही कार्यवाही सीमित है।

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बसपा सरकार में कबीना मंत्री रहे अशोक दोहरे बसपा से निष्कासन के बाद लोकसभा चुनाव आने से कुछ समय पूर्व ही भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा नेतृत्व ने युवावस्था और प्रदेश सरकार में मंत्री रहने से कद्दावर नेता मानते हुए पार्टी के पुराने अनुभवी दलित नेताओं को नजरअंदाज करके सांसद का चुनाव लड़वाया था। मोदी लहर के चलते वे सपा प्रमुख मुलायम ¨सह यादव की घर की सीट से लाखों मतों से जीत गए। चुनाव जीतने के बाद भ्रमण करके मतदाताओं का आभार व्यक्त तो दूर अभी तक इटावा शहर में आकर जनता दर्शन तक नहीं किया। महज दो अक्टूबर को रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता अभियान के तहत प्लेटफार्म पर झाड़ू लगाते फोटो ¨खचवाकर लापता हो गए, तब से अभी तक उनके दर्शन तो दूर वे फोन पर संपर्क करने पर भी उपलब्ध नहीं होते है।

इटावा के बजाए औरैया नोडल

भाजपा सांसद अशोक दोहरे ने संसदीय क्षेत्र के मुख्य जनपद इटावा से सांसद निधि हटवाकर औरैया जिला को नोडल बना लिया। इससे जनपद की जनता को ही नहीं अपितु भाजपा नेताओं को भी ठेस लगी पर इसकी उन्हें परवाह नहीं।

गोद लिए गांव की सुधि नहीं

एशिया का पहला ब्लाक कहा जाने वाले महेवा गांव को सांसद ने गोद लिया था, गोद लिए करीब सात माह बीत गए है, अभी तक कोई नया विकास कार्य नहीं कराया है। सिर्फ प्लान बनाने की कार्यवाही चल रही है, धरातल पर बदहाली का ही आलम है। 50 हैंडपंप की सूची

परियोजना निदेशक प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि सांसद निधि से 50 लाख की धनराशि जनपद को प्रदान किए गए है। 50 हैंडपंप लगाने की सूची दी गई है, एक हैंडपंप 38 हजार रुपये की लागत से लगता है। इसके बाद जो धनराशि शेष बचेगी वह सांसद के निर्देशानुसार विकास कार्यों पर खर्च की जायेगी।


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