प्रभु सर्वशक्तिमान पर भक्त के वश में
इटावा, जागरण संवाददाता : भगवान परम स्वतंत्र तथा सर्वशक्तिमान होने के बावजूद भक्त के वश में रहते हैं।
इटावा, जागरण संवाददाता : भगवान परम स्वतंत्र तथा सर्वशक्तिमान होने के बावजूद भक्त के वश में रहते हैं। प्रभु स्वयं के प्रति अपराध करने वाले को तो क्षमा कर सकते हैं पर उनके भक्त का अपमान करने वाले को कभी क्षमा नहीं करते हैं। हिरणाकश्यप, रावण, कंस और अन्य कई अत्याचारी इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। श्री हरि अपने भक्तों की रक्षा के लिए विभिन्न रूपों में अवतार लेकर उनके कष्ट दूर करते हैं।
जसवंतनगर क्षेत्र के ग्राम नगला सलहदी में जारी श्रीमद्भागवत कथा में वृंदावन धाम से पधारे आचार्य विजयकृष्ण महाराज ने प्रहलाद चरित्र प्रसंग का श्रवण कराते हुए भक्तों की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनके मधुर प्रवचन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध नजर आए। इससे पूर्व उन्होंने माता सती और शिवशंकर भोलेनाथ की लीला का वर्णन करके तथा सहायक आचार्य प्रदीप प ईशान चतुर्वेदी ने शिव-पार्वती की मनोहारी झांकी प्रस्तुत करके माहौल शिवमय कर दिया। कथा विश्राम बेला पर आयोजक पं. रामअवतार शर्मा तथा उनकी पत्नी उर्मिला शर्मा ने श्री हरि तथा व्यास पीठ की आरती की। इस अवसर पर सुनीता दीक्षित, श्यामा जी, योगेश, मंजू, इंद्रजीत पचौरी, नीलम दीक्षित, कमलकिशोर, वृंदा, आयुषी, अविरल आदि उपस्थित थे।