मासूम को छीन महिला से सामूहिक दुष्कर्म
ऊसराहार, संवादसूत्र : पटियायत गांव की एक महिला से तीन लोगों द्वारा दुष्कर्म किए जाने का सनसनीखेज माम
ऊसराहार, संवादसूत्र : पटियायत गांव की एक महिला से तीन लोगों द्वारा दुष्कर्म किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। थाना पुलिस तीन दिन से इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। न सिर्फ तहरीर बदल दी गयी है बल्कि पीड़ित महिला का मेडिकल भी नहीं कराया गया है। दबंगों ने महिला की बच्ची छीन कर दुष्कर्म किया था। घटना के तीसरे दिन भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। घटना में थाना पुलिस के अब तक रवैये से उसका महिला अपराधों को लेकर असवंदेनशील चेहरा सामने आया है। इसलिए इस मामले को महिला आयोग में ले जाने का निर्णय लिया गया है।
23 वर्षीय पीड़ित महिला के मुताबिक वह अपनी एक साल की पुत्री के साथ 13 अक्टूबर को इटावा जेल में अपने पति से मिलाई करने के बाद शाम को घर लौट रही थी। शाम करीब साढ़े सात बजे वह अपने गांव के समीप पहुंची तभी पहले से घात लगाए बैठे तीन दबंगों ने उसको खींच कर भट्टे की खुदी हुई मिट्टी के गड्ढे में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच उसने विरोध किया तो उसकी मासूम बच्ची को छीनकर उसको जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं उसके सिर पर तमंचा की बट से प्रहार कर घायल कर दिया। घटना के बाद पीड़ित महिला की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंच गए तब महिला ने उनको घटना की जानकारी देते हुए पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। तब पुलिस मौके पर पहुंची और अगले दिन सुबह थाने आने की बात कहकर चली गयी। अगले दिन 14 अक्टूबर को जब वह थाने पहुंची तो उसने तीनों दबंगों को नामजद करते हुए दुष्कर्म की तहरीर दी। महिला ने थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया कि तहरीर देने के बाद उसे पूरे दिन थानाध्यक्ष थाने में बैठाए रहे और उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की। शाम को फिर अगले दिन आने की बात कहकर टहला दिया। महिला ने बताया कि जब वह 15 अक्टूबर को सुबह थाने पहुंची तो थानाध्यक्ष ने थाने में ही किसी व्यक्ति से एक दूसरी तहरीर लिखा ली, जिससे दुष्कर्म के स्थान पर बेइज्जती करना दिखाया है। साथ ही यह भी लिखा लिया कि वह लोकलाज के भय से थाने में अभी तक रिपोर्ट लिखाने नहीं आई और तहरीर पर जबरन उसके हस्ताक्षर करा लिए। सीओ भरथना अनिल यादव ने बताया कि घटना संदिग्ध प्रतीत हो रही है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।