मदरसा शिक्षकों ने गिनाईं समस्याएं
इटावा, जागरण संवाददाता : मदरसा शिक्षकों की समस्याओं के प्रति सरकार की उदासीनता के विरूद्ध ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के आह्वान पर एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मौलाना तारिक शम्सी के नेतृत्व में मदरसा शिक्षकों, कर्मचारियों तथा संचालकों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री को सम्बोधित 25 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।
ज्ञापन में माग की गयी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुसार 146 मदरसों की अनुदान सूची तत्काल घोषित की जाए। छठा वेतन समिति 2008 (रिजवी कमेटी) की सिफारिश 30 सितंबर 2011 एवं शासनादेश 28 नवम्बर 2011 के आधार पर मदरसों के आलिया के प्रधानाचार्य का ग्रेड वेतन का संशोधित शासनादेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा तत्काल जारी किया जाय। लखनऊ में स्थापित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अरबी फारसी एवं उर्दू विश्वविद्यालय से उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त कामिल/फाजिल स्तर के मदरसों को डा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के समान सम्बद्ध किया जाये। केन्द्र सरकार की सहायता से संचालित योजना के अन्तर्गत मदरसों में नियुक्त आधुनिक शिक्षकों को मुख्यमन्त्री की घोषणा 28 जनवरी 2014 के अनुसार उप्र सरकार द्वारा मानदेय में अतिरिक्त शामिल शेयर 25 प्रतिशत की धनराशि का तत्काल भुगतान किया जाय। मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना को स्थायी करने की दिशा में उप्र सरकार द्वारा ठोस तथा कारगार कदम उठाया जाये। मदरसों में एक अपै्रल 2005 से नियुक्ति शिक्षकों/कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाय। मदरसों में कार्यरत लिपिकों को पाचवे वेतनमान की संस्तुतियों के आधार पर संशोधित वेतन मान का लाभ दिया जाये। मदरसा मिनी आईटीआई की समस्याओं का समाधान किया जाये।
जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मण्डल में मौलाना वजीहउद्दीन कासमी, कारी सरफराज़ आलम, कारी हमीदुल्ला, हाफिज़ शकील, कासिम, अकरम, हाफिज अजमत अली, खुर्शीद आलम, एजाज़ अहमद खा, अकबर अली, सुहेल,यासीन शामिल थे।