गुजरात के कुबेर-गिरिजमा इटावा में दहाड़े
इटावा, जागरण संवाददाता : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा लायन सफारी में गुजरात के एशियाटिक शेरों का दूसरा जोड़ा भी लखनऊ के जंतु प्राणी उद्यान से मंगलवार को पहुंच गया। एक जोड़ा पहले से ही लायन सफारी में मौजूद है।
नर कुबेर व मादा गिरिजमा नाम का शेरों का यह जोड़ा लखनऊ से मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रात: 5 बजे चला था जो लायन सफारी में 11 बजे पहुंचा। जोड़े को उतारने के लिए वन विभाग के तमाम अफसर लायन सफारी में मौजूद थे। विभाग की 8 सदस्यीय टीम लखनऊ के डाक्टर विकास व डा. अरविंद यादव, जू कीपर कमाल के नेतृत्व में कुबेर व गिरिजमा को लेकर आये थे। बंद डीसीएम में पिंजड़े में आया यह जोड़ा सीधे ब्रीडिंग सेंटर में उतारा गया। यहां पर बने अलग-अलग कक्षो में कुबेर व गिरिजमा को रखा गया है।
लायन सफारी के निदेशक केके सिंह ने बताया कि शेरों का यह दूसरा जोड़ा सफारी में मंगलवार को आया है। इससे पहले अमन व कुमारी नाम का जोड़ा पहले से ही रह रहा है। दो जोड़े और लाये जाने हैं जो सितंबर माह में लायन सफारी में लाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि कुल चार जोड़ों को यहां पर रखा जाएगा। इसके बाद इनकी ब्रीडिंग करायी जाएगी। 110 दिन के अंतराल के बाद इनके जो बच्चे पैदा होंगे उन्हें लायन सफारी में दिसंबर 2015 के बाद छोड़ा जाएगा। चारों जोड़ों के लिए केंद्रीय चिड़िया घर अथोरिटी ने वन विभाग को अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2015 से पहले सफारी के सारे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। सफारी के लिए धीरे-धीरे स्टाफ की व्यवस्था भी की जा रही है।
अपने आप होगा प्रजनन
शेरों के प्रजनन के लिए वन विभाग की कवायद शुरू हो गई है। सफारी में रह रहे पहले जोड़े अमन व कुमारी को एक बार पास लाकर प्रजनन कराने का प्रयास किया गया था परंतु वह सफल नहीं हुआ। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शेरों के नर व मादा का मिलन प्राकृतिक रूप से होता है। उनके वायोलॉजीकल लक्षण जब दिखाई देते हैं तभी उन्हें एक साथ रखा जाता है। इसके लिए प्रतिदिन डाक्टरों की टीम उन्हें चेक करती है।
जब भीड़ देखकर दहाड़े शेर
लायन सफारी में कुबेर व गिरिजमा के आगमन को लेकर इस बार मीडिया को अंदर जाने की अनुमति दी गई थी। कुबेर व गिरिजमा जब अपने कक्ष में आये तो मीडिया के कैमरे व भीड़ देखकर जोरदार ढंग से दहाड़े जिससे कई लोग सहम गए। कुबेर की दहाड़ काफी जबर्दस्त थी जबकि मादा शेरनी गिरिजमा अपनी जगह बदलने को लेकर काफी गुस्से में दिखाई दे रही थी। निदेशक केके सिंह ने बताया कि धीरे-धीरे दोनों शेर यहां के अभ्यस्त हो जाएंगे। तेज बहादुर सिंह सहायक वन संरक्षक, अनचित्य कुमार पाण्डेय क्षेत्रीय वन अधिकारी, सर्वेश सिंह भदौरिया सहायक वन्य जीव प्रतिपालक भी मौजूद थे।