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बना लीं अवैध क्रासिंग, जान खतरे में डाल पार करते ट्रैक

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 01:01 AM (IST)

इटावा, जागरण संवाददाता : रेलवे ट्रैक को पार करना अपराध है, इसके बावजूद जल्दबाजी में लोग जान जोखिम में डालकर ऐसा कर रहे हैं। दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर तो रोजाना 260 से 270 ट्रेनें आरपार होती हैं, फिर भी शहर में कई जगह लोगों ने अवैध क्रासिंग बना रखे हैं। रेलवे प्रशासन जनबल के तहत इसे नजरंदाज कर रहा है। हादसा होने पर ही कुछ दिनों तक सजगता नजर आती है।

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दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर जनपद की सीमा के मध्य कोई मानव रहित क्रासिंग तो नहीं है। शहर में कई जगह लोगों ने अपनी-अपनी सुविधा के लिए अवैध क्रासिंग बना रखी हैं। आरपीएफ यदाकदा अभियान चलाकर रेलवे यात्रियों को अवैध रूप से ट्रैक पार करने के आरोप में पकड़ती है लेकिन अवैध क्रासिंग पर अंकुश नहीं लगा सकी है। रेलवे कालोनी और फ्रेंडस कालोनी के लोगों ने प्लेटफार्मो पर असहाय लोगों के आवागमन को तथा माल लदान के लिए बनाई पटरी को ही रास्ता बना रखा है। बरेली हाईवे ओवरब्रिज के तले तथा बंद की गई फर्रुखाबाद क्रासिंग तथा मैनपुरी क्रासिंग पर लाइन पार के लोगों ने अवैध क्रासिंग बना रखी है। इसके अलावा अन्य कई स्थानों पर लोगों ने अपनी सुविधा के मुताबिक रेलवे ट्रैक पर क्रासिंग बना रखी हैं।

बाइक सवार नहीं मानते

बाइक सवारों का तो यह आलम है कि क्रासिंग पर फाटक बंद होने पर भी ट्रैक पार करने से बाज नहीं आते हैं। रामनगर और फर्रुखाबाद की बंद क्रासिंग पर कई बार बाइक ट्रेन में उलझी जिससे ट्रेन और ट्रैक प्रभावित हुए। इसके बावजूद बाइक सवारों पर अंकुश नहीं लगा।

शो-पीस बना लोहे का पुल

रेलवे प्रशासन ने रेलवे कालोनी तथा फ्रेंडस कालोनी के लोगों के पैदल आवागमन को लेकर प्लेटफार्म के पूर्वी ओर लोहे का पुल बना रखा है। शायद ही कोई इस पुल पर आवागमन करता हो, इससे यह पुल शो-पीस बना हुआ है।

ट्रक और ट्रैक्टर टकराए

रेलवे ट्रैक पर सुंदरपुर गांव के पास तो हालात इतने भयावह है कि पूरा गांव ट्रैक के किनारे ही बसा हुआ है। कई बार ट्रक और ट्रैक्टर ट्रैक पर जा रही ट्रेनों से टकराए। दो माह पूर्व ट्रक बेक करने के दौरान जनता एक्सप्रेस से टकरा गया था, भयावह स्थिति बाल-बाल बची थी।

बीते पखवारे में चार मौत

आठ जुलाई को सरायभूपत के पास 60 वर्षीय अज्ञात महिला, 11 जुलाई को मनोरंजन सदन के पास 30 वर्षीय राजू सिंह ददरा चकरनगर, 15 जुलाई को इसी स्थान पर 45 वर्षीय सम्मो देवी पत्नी कमलेश कठेरिया बंगाली कालोनी तथा 20 जुलाई को फर्रुखाबाद क्रासिंग पर 70 वर्षीय अज्ञात वृद्ध ने ट्रैक पार करने के दौरान तेज गति से गुजरी ट्रेनों की चपेट में आकर जान गंवाई।

जागरूकता का अभाव

रेलवे ट्रैक पार करना जागरूकता का ही अभाव माना जायेगा। रेलवे प्रशासन निरंतर जनता को सतर्क करता है। इसके बावजूद जनता इस और तवज्जो नहीं देती है। हमारे सेक्शन में मानव रहित क्रासिंग नहीं है।-आरके त्रिपाठी,स्टेशन अधीक्षक।


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