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चोर का पीछा करने में ट्रेन से गिरी थी युवती

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 01:53 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 01:53 AM (IST)
चोर का पीछा करने में ट्रेन से गिरी थी युवती

इटावा, जागरण संवाददाता:पूर्वोत्तर संपर्कक्राति ट्रेन से असोम की युवती को फेंकने की घटना का खुलासा करते-करते पुलिस खुद उलझ गयी है। पुलिस ने मीडिया के सामने एक शख्स को चोर के रूप में प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि यही शख्स ट्रेन में युवती का बैग चुराकर भागा था। युवती ने उसका पीछा किया तो लड़खड़ाकर गिर गयी। कहानी तो ठीक ठाक गढ़ी गयी थी लेकिन चोर ने यह कहकर पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया कि उसने तो युवती को धक्का मारकर गिराया था।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. के खुलासे पर यकीन किया जाए तो कोतवाली थाना पुलिस ने मंगलवार को शहर के बलराम सिंह चौराहे पर एक बैग में चोरी के सामान सहित किरनपाल पुत्र रतन पाल निवासी बालम आला कंपिल फर्रुखाबाद को पकड़ा। बैग में मौजूद सामान को यहां बेचने के लिए आया था। बरामद बैग में लैपटाप, चार्जिग कार्ड के अतिरिक्त महिलाओं के प्रयोग का सामान व एक मूल ट्रांसफर सार्टिफिकेट व अन्य सामान मिला। ट्रांसफर सार्टिफिकेट प्रतिभा पर्वत पुत्री नैनी पर्वत निवासी बैलोनी झार सलोनी सोनितपुर असोम के नाम का पाया गया।

पूछताछ में किरनपाल ने पुलिस को बताया कि यह बैग उसने 3 जुलाई को पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति ट्रेन में यात्रा कर रही युवती का चुराया था। बैग चोरी कर भागते समय उस युवती ने उसे पकड़ने का प्रयास किया जिसमें वह तो भागने में सफल रहा लेकिन युवती ट्रेन से गिर गयी और उसकी मृत्यु हो गयी। यह घटना इटावा रेलवे स्टेशन से पहले की है। जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला कि 3 जुलाई को थाना सिविल लाइन क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के किनारे प्रतिभा पर्वत निवासी उपरोक्त का शव मिला था। कोतवाली पुलिस द्वारा की गयी बरामदगी, गिरफ्तारी व पूछताछ से पूरा घटनाक्रम स्पष्ट हो गया कि गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा ट्रेन के अंदर ही इटावा रेलवे स्टेशन के पहले चोरी व घटना को अंजाम दिया गया।

किरन पाल जब मीडिया से रूबरू हुआ तो उसने जो कुछ कुबूल किया उससे पुलिस की कहानी ही पलट गयी। किरनपाल के मुताबिक उसी ने युवती को चलती ट्रेन में धक्का मारकर गिराया था। उसका दावा है कि चलती ट्रेन में चोरी करने में माहिर रहा है और भरथना रेलवे स्टेशन पर कूद गया था। जबकि पुलिस की कहानी में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि चोर घटना के बाद कहां कूदा या उतर गया था।

कहानी में कहां-कहा छेद

-3 जुलाई को युवती का शव ट्रैक पर मिलने का मामला सुर्खियों में आने पर पता चला कि उसका बैग मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पार्सल रूम में टीटीई विश्वजीत ने जमा कराया था। सवाल उठता है कि अगर वह बैग युवती का जमा था तो फिर चोर के पास कैसे आया। चुराया गया बैग चोर से बरामद किया गया है तो फिर टीटीई ने किसका बैग जमाया कराया था।

-7 जुलाई को असोम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा आए और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। तब उन्होंने बताया था कि युवती का बैग मुगलसराय स्टेशन पर जमा है। सवाल उठता है कि मंत्री की बात सही थी या अब एसएसपी की बात पर यकीन किया जाए कि बैग चोर के पास से मिला है।

-दिल्ली से गुवाहाटी जाने वाली पूर्वाेत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का पहला स्टापेज दिल्ली के बाद कानपुर है। स्पीड 120 किमी प्रति घंटा रहती है। सवाल उठता है कि किरनपाल ने स्टंट की कला कहां से सीखी कि वह भरथना रेलवे स्टेशन पर कूद गया और सकुशल है।

-पुलिस के मुताबिक किरनपाल घटना के बाद अपने घर चला गया था। सवाल उठता है कि वह लैपटाप बेचने के लिए इटावा के बलराम सिंह चौराहा पर ही क्यों आया जहां से करीब दो किमी दूरी पर ही राहतपुरा कालोनी के पास युवती का शव बरामद किया गया था। क्या फर्रुखाबाद में कोई खरीदार नहीं मिला।

-पुलिस शुरू से ही हादसा मानकर चल रही है। मान भी लिया जाए कि मामला हादसे का था तो फिर शुरुआती दिनों में मीडिया से छिपाने और मृतका के रिश्तेदारों से न मिलने देने की कोशिश क्यों की गयी। पुलिस मामला संवेदनशील मानती है तो फिर 20 दिन बाद भी हादसा ही ठहरा कर फाइल क्यों बंद कर देना चाहती है।


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