तेज बारिश ने भिगोए किसानों के अरमान
इटावा, जागरण संवाददाता : शनिवार को सुबह तेज बरसात होने से जनपद में सैकड़ो एकड़ पकी फसल बर्बाद हो गई है। बीते चार दिनों से बूंदाबांदी से फसल नम हो गई थी, बरसात से फसल खेतों में बुरी तरह पसर गई है। बेमौसम बरसात का हर तरह की फसल पर बुरा असर पड़ा है। कुल मिलाकर देश का अन्नदाता कहा जाने वाला किसान मौसम की मार से याचक नजर आ रहा है।
बेमौसम बरसात बीते माह अक्टूबर से ही किसानों पर कहर बरसा रही है। पहले धान और कच्चे आलू की फसल काफी हद तक बर्बाद हुई, जनवरी-फरवरी में बरसात होने से आलू, दलहन, तिलहन और सब्जियों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई। गेहूं की फसल हल्की तो थी, इस फसल पर किसान काफी हद तक आस लगाए थे। शनिवार को तेज बरसात होने से अधिकतर किसानों की आशाओं पर तुषारापात सा हो गया हैं। गेहूं ही नहीं अपितु लहसुन, लौकी, तोरई, अरबी व अन्य कई फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई है।
बकेवर, संवादसूत्र : तेज बरसात ने क्षेत्रीय किसानों को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया है। सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल पानी से तरबतर होकर खेतों में पसर गई है। अधिकतर किसानों ने फसल की कटाई करके खेतों में थ्रेसिंग की तैयारी कर रहे थे लेकिन बरसात से सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई। लगातार चार-पांच दिन तेज धूप निकलने पर ही फसल सूख पायेगी, यदि इस मध्य बरसात हो गई तो फिर फसल खेत में ही सड़ेगी।
बढ़ेगा चारे का संकट
बेमौसम बरसात से चारे का संकट बहुत बढ़ जायेगा। इस क्षेत्र में अधिकतर चारा गेहूं के भूसा से प्राप्त होता है। बंगलन दिलीपनगर के अनूप सिंह तथा भारत सिंह का कहना है कि बरसात के चलते अधिकतर किसान पंजाब से आने वाली बड़ी थ्रेसिंग मशीन से गेहूं की फसल इसमें गेहूं तो मिल जायेगा लेकिन भूसा उड़ जाता है। इससे चारा का संकट होगा।