उद्दनपुर रामनगर में चल रही थी सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री
जागरण संवाददाता, एटा: जिला मुख्यालय से चंद किमी दूर उद्दनपुर रामनगर में दूध के नाम पर लोगों की जिंदग
जागरण संवाददाता, एटा: जिला मुख्यालय से चंद किमी दूर उद्दनपुर रामनगर में दूध के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की करतूत का खुलासा हुआ है। शनिवार को प्रशासनिक टीम ने यहां पर सिंथेटिक दूध में प्रयुक्त होने वाले मिल्क पाउडर, रिफाइंड का स्टॉक पकड़ा। बड़ी मात्रा में तैयार दूध भी फिंकवाया। मौके पर इस गोरखधंधे के संचालक का भाई टीम के हत्थे चढ़ गया। टीम ने एक गोदाम और एक लैब को भी सीज कर दिया है।
¨सथेटिक दूध के कारोबार की जानकारी जुटाने के बाद डीएम विजय किरन आनंद के निर्देश पर शनिवार को ताबड़तोड़ छापे मारे गए। एसडीएम सदर रविप्रकाश श्रीवास्तव और सीओ सिटी एमपी सलोनिया की टीम ने सुबह गांव उद्दनपुर रामनगर में रनवीर की विनय डेरी पर छापा मारा। यहां पाउडर आदि से दूध तैयार किया जा रहा था। मौके पर मौजूद रनवीर के भाई रविंद्र की निशानदेही पर पास में ही गोदाम को खुलवाया गया, तो यहां 70 बोरी मिल्क पाउडर, चार टिन रिफाइंड बरामद हुए। इसके अलावा दूध तैयार करने के उपकरण, एक टैंकर, एक लोडर और दो टंकियां भी जब्त किए गए। करीब 60 लीटर दूध अधबना मिला, जिसमें पाउडर आदि तैर रहा था। टीम ने सैंपल भरवाकर इसे नष्ट करा दिया। गोदाम भी सील कर दिया। रविंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी दौरान एक अन्य जानकारी मिलने पर टीम नजदीकी अशोक विहार में राजीव बंसल की राइस मिल पर पहुंच गई। बताया गया था कि रनवीर यहां दूध चि¨लग प्लांट संचालित कर रहा है। टीम को यहां दूध या दूध तैयार करने का सामान तो नहीं मिला, लेकिन एक लैब पाई गई। इस लैब को सील करा दिया गया। टीम में खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी अपूर्व श्रीवास्तव और खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल यादव मौजूद रहे।
रविंद्र उगलेगा धंधे के राज: उददनपुर रामनगर में सिंथेटिक दूध का कारोबार महीनों से किया जा रहा था। गिरफ्तार रविंद्र से पूछताछ की जा रही है कि इस काले धंधे में और कितने लोग शामिल हैं तथा ¨सथेटिक दूध की सप्लाई कहां-कहां होती थी। टीम का कहना है कि रविंद्र से इस धंधे के कई राज उजागर होने की उम्मीद है।
नामचीन कंपनी तक दूध सप्लाई: सेहत के लिए खतरनाक यह ¨सथेटिक दूध दूधियों के माध्यम से तो बंटता ही था, इसके अलावा इसकी अधिकांश सप्लाई कासगंज की एक नामचीन कंपनी को भेजी जाती थी। गांव के लोगों को जानकारी थी, इसलिए वे यहां से दूध कभी नहीं खरीदते थे।
मास्टर निकला मास्टर माइंड: दूध के इस काले कारोबार का मास्टरमाइंड एक मास्टर रनवीर ही है। रनवीर शिक्षामित्र कोटे से सकीट विकासखंड क्षेत्र में सहायक अध्यापक के तौर पर पिछले दिनों नियुक्त हो चुका है। अध्यापक बनने के बाद भी उसने इस काले धंधे को बंद नहीं किया।
जलेसर में 94 बोरी ग्लूकोज जब्त: जलेसर: सिंथेटिक दूध के धंधे की आशंका पर शनिवार को प्रशासनिक टीम ने जलेसर में बड़ी मात्रा में ग्लूकोज पाउडर बरामद किया है। तहसीलदार संजीव कुमार, सीओ कौशलेंद्र कुमार ¨सह और खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण कुमार की टीम ने गोलनगर स्थित जगदीश के बसंत किराना स्टोर पर छापा मारा। यहां से 83 और इन्हीं के एक अन्य गोदाम से 11 बोरी ग्लूकोज पाउडर की जब्त की गईं। अधिकारियों ने संभावना जताई है कि शायद इस ग्लूकोज पाउडर की सप्लाई दूध माफिया को ¨सथेटिक दूध बनाने के लिए की जाती हो।
बाइक से पकड़ा दूध बनाने का सामान: जलेसर: सुबह जैसे ही छापामार कार्रवाई को टीम पहुंची, वहां दुकान से खरीद कर रहा बाइक सवार एवं व्यापारी टीम को देख भाग गए।। टीम ने बाइक से वाशिंग पाउडर सहित दूध बनाने का करीब ढाई कुंतल सामान जब्त किया। साथ ही बाइक (यूपी 80 बीएल 9383) को भी कब्जे में ले लिया गया। टीम ने दुर्गा चि¨लग प्लांट और अशोक चि¨लग प्लांट से दूध के नमूने लिए।