जिला अस्पताल में दवा न एक्स-रे
जागरण संवाददाता, एटा: राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव और जिले के नोडल अधिकारी अपने दौरे
जागरण संवाददाता, एटा: राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव और जिले के नोडल अधिकारी अपने दौरे के दूसरे दिन गुरुवार सुबह जिला अस्पताल पहुंचे। यहां मरीजों ने दवा और एक्स-रे न होने की बात कही। अव्यवस्थाओं देख सचिव बिफर गए और सीएमओ व सीएमएस को व्यवस्थाएं सुधारने की हिदायत दी।
सचिव चंद्रकांत और डीएम अमित किशोर सबसे पहले जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। जहां भर्ती मरीजों से दवा आदि की पूछताछ की। इसके बाद ओपीडी की व्यवस्था देखते हुए मरीजों से जानकारी ली। पता लगा कि अस्पताल में दवाओं की कमी है। बाहर से दवाएं लिखी जा रही हैं। कुछ मरीज एक्स-रे के लिए कई दिनों से चक्कर लगा रहे थे। इस स्थिति पर सीएमएस से जानकारी ली तो बताया गया कि आर्डर जारी कर दिया गया है, लेकिन संबंधित फर्मों द्वारा दवा नहीं भेजी गई है। डीएम ने ऐसी फर्मों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजने के निर्देश दिए। पैथोलॉजी लैब में रिपोर्ट वितरण का रिकार्ड न होने पर नाराजगी जताई। इसके बाद पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचकर भर्ती बच्चों और उनकी माताओं से व्यवस्थाओं की जानकारी ली। गांव सोहार की एक भट्ठा मजदूर महिला मुन्नी ने बताया कि घर पर प्रसव हुआ और कोई सरकारी मदद भी नहीं मिली। टीकाकरण भी पूरा नहीं था। इस पर डीएम ने सीएमओ को संबंधित आशा-एएनएम के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। महिला अस्पताल में बन रही मदर-चाइल्ड ¨वग के निरीक्षण में तय समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। औषधि भंडार कक्ष व वार्डों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान एडीएम महेश चंद्र शर्मा, सतीश पाल, सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल, सीएमएस डॉ. बी. सागर और डॉ. ब्रजेश राठौर, प्राचार्य डायट मनोज कुमार गिरि आदि अधिकारी मौजूद थे।
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एसएन से लौटा दिया मरीज
सर्जिकल वार्ड में निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के सामने भी असहज स्थिति आ गई। अधिकांश मामलों में जिला अस्पताल से मरीजों को रेफर किया जाता है। अस्पताल से गोलीकांड में घायल अवधपाल निवासी कुड़ा थाना नयागांव को रेफर किया गया था। उसके पैर में गोली फंसी थी। लेकिन उसे आगरा मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों ने मना कर दिया और वह वापस जिला अस्पताल आ गया। डॉक्टरों ने मेडिको लीगल हो जाने और सर्जन न होने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर दिए और गोली उसके पैर में ही फंसी थी। इस पर सचिव ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कोई मरीज भर्ती है तो उसे उपचार मिलना चाहिए। इस संबंध में व्यवस्था की जाए।
डीपीआरओ दफ्तर के निरीक्षण में नपे लेखाकार
अस्पताल के बाद सचिव ने डीपीआरओ कार्यालय का भी निरीक्षण किया। कार्यालय में अभिलेखों का रखरखाव एवं आडिट आपत्तियों, प्रधानों की जांच का रजिस्टर मेंटेन न होने, अन्य अभिलेखीय अव्यवस्थाएं पाए जाने पर लेखाकार शिवराम को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। ओडीएफ की स्थिति पर नाखुशी जताई। इस वर्ष 288 ग्राम पंचायतों को हर हाल में ओडीएफ घोषित करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीडीओ उग्रसेन पांडेय, डीडीओ एसएन ¨सह कुशवाह, डीपीआरओ धनंजय जायसवाल आदि मौजूद थे।