सिमटती गंगा भी बढ़ा रही ग्रामीणों की मुश्किलें
जागरण संवाददाता, कासगंज: बीते कई दिनों से गंगा ने तराई के गांवों में दुश्वारियां बढ़ा दी थी,
जागरण संवाददाता, कासगंज: बीते कई दिनों से गंगा ने तराई के गांवों में दुश्वारियां बढ़ा दी थी, लेकिन अब पानी की धार कम होने के बाद भी ग्रामीणों की दूसरी तरह की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। सिमटती गंगा बीमारियों का घर मजबूत कर गई है, हालाकि स्वास्थ्य विभाग ने रोगों की रोकथाम के लिए दर्जनभर टीमें गठित कर दी हैं।
पिछले कई सालों से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ तबाही मचाती आ रही है। गंगा का घटता-बढ़ता जलस्तर बीमारियों को जन्म देता है। वर्ष 2010 में तो बाढ़ के बाद फैले संक्रामक रोगों ने तराई के 200 लोगों की जान ले ली थी, इन मौतों पर हाइकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए मामले की जाच लोकायुक्त को सौंपी थी, तब से स्वास्थ्य विभाग बाढ़ को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। इस बार भी गंगा का पानी दर्जनभर से अधिक तटवर्ती गांवों की दहलीज छूकर लौट आया है, लेकिन वहां बीमारियों को छोड़ आया है। गांवों में अब दल-दल के हालात हो गए जो गंदगी को बढ़ावा दे रहे हैं।
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बाढ़ से दोहरी मार झेलनी पड़ती है। पहले तो फसलें बर्बाद होती हैं। फिर गंगा का पानी जब सिमटता है तो बीमारिया फैलती हैं।-सुरेश सिंह बाढ़ पीड़ित ग्रामीण।
प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीणों के हित में पहले तो बाढ़ पर नियंत्रण हो और फिर रोगों से बचाव के बेहतर इंतजाम किए जाएं। हरपाल सिंह बाढ़ पीड़ित किसान।
लगी हैं टीमें
बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सकों की टीमें लगी हुई हैं। अभी कहीं भी रोग फैलने की सूचना नहीं है। जिम्मेदार चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में विशेष निगरानी रखें।-डॉ. रंगजी द्विवेदी सीएमओ