सुविधाओं का अभाव फिर भी आवेदनों का अंबार
जागरण संवाददाता, एटा: कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के आवासों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। बिजली, पा
जागरण संवाददाता, एटा: कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के आवासों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। बिजली, पानी, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। इसके बावजूद आवास पाने के लिए लोगों का अंबार लगा हुआ है। हाल ही में निरस्त हुए आवासों के लिए एक हजार लोगों ने आवेदन कर डाले हैं।
प्रदेश में बसपा सरकार के दौरान वर्ष 2009-10 में कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत एटा में 1500 आवास बनवाए गए थे। जो शहरी बेघर गरीबों को दिए जाने थे। जांच और सर्वे के बाद पात्रों का चयन कर आवासों का आवंटन कर दिया गया। लेकिन कुछ ही दिनों में तमाम आवंटी इन आवासों को छोड़ गए। कुछ ने अपने स्थान पर अन्य लोगों को रखकर किराया वसूलना शुरू कर दिया। वहीं कुछ लोगों ने आवासों में ताले ही डाल दिए तथा शहर में ही रहने लगे। बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था न मिल पाना इसकी बड़ी वजह थी। वहीं, आवासों में रहने वाले लोग भी इन मूलभूत समस्याओं को लेकर परेशान बने हुए हैं।
प्रशासन ने निरीक्षण और नोटिस प्रक्रिया के बाद अप्रैल 2017 में 223 लोगों को अपात्र मानते हुए आवास आवंटन निरस्त कर दिए। आवासों का नए सिरे से आवंटन करने के निर्देश दिए गए। जिसके कुछ दिनों बाद से ही डूडा ने इच्छुक लोगों से आवेदन पत्र भरवाना शुरू किए। मई में इनका आवंटन किया जाना था। लेकिन बाद में आवेदन का समय बढ़ा दिया गया। दो महीने से लगातार चल रही प्रक्रिया में अभी तक एक हजार से अधिक आवेदन पहुंच चुके हैं। हालांकि अभी तक आवेदकों के सत्यापन और आवंटन का कोई खाका नहीं खींचा गया है। इनमें कई ऐसे आवेदक हैं जो बेहद जरूरतमंद हैं और इस बीच कई बार दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं। फिलहाल आवंटन डूडा, नगर पालिका और जिला प्रशासन के बीच फंसा हुआ है।
यहां खाली पड़े हैं आवास
मंडी समिति के पास : 20
पराग डेरी के पास : 22
मानपुर खसरा नं. 180 : 27
मानपुर खसरा नं. 716 : 47
पीएसी के पास : 107
अधिकारी की बात
अपात्रों के आवास निरस्तीकरण के बाद नए सिरे से उनका आवंटन किया जाना है। अभी आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। बाद में इनका सत्यापन कर पात्रों का चयन किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया नगर पालिका के माध्यम से होनी है। जिसके लिए अभी समय सीमा तय नहीं हुई है।
- सुभाषवीर ¨सह राजपूत, परियोजना अधिकारी डूडा