चौंका देगी कब्रिस्तान चाहरदीवारी की जांच : गर्ग
फोटो-21ईटीएच02 जिले के प्रभारी मंत्री ने इशारों में सपा पर किया हमला डॉक्टरों पर सख्ती नहीं कर
फोटो-21ईटीएच02
जिले के प्रभारी मंत्री ने इशारों में सपा पर किया हमला
डॉक्टरों पर सख्ती नहीं कर सकती सरकार: अतुल गर्ग
जागरण संवाददाता, एटा: जिला योजना समिति की बैठक में आए जिला प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग ने नाम लिए बिना ही इशारों में सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान चहारदीवारी में बड़े घोटाले हुए, जांच सबको चौंका देगी। डॉक्टरों की संख्या कम है, जिसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है। कम संख्या के चलते सरकार उन पर सख्ती नहीं कर सकती है।
बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रभारी मंत्री और राज्यमंत्री ने जिला योजना समिति की बैठक को लेकर कहा कि सभी दलों के लोगों ने पार्टी स्तर से ऊपर उठकर प्रस्ताव दिए। पेयजल, नहर, आवास, बिजली आदि पर चर्चा हुई। सपा सरकार में कब्रिस्तान चहारदीवारी योजना में भाजपा सरकार द्वारा सीबीआइ जांच कराने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि जांच चल रही है, परिणाम सामने आने पर सब चौंक जाएंगे। जो लोग अपनों को रहनुमा बताते थे, उनके चरित्र सामने आ जाएंगे।
जिले में पिछली सरकार में उद्घाटन के 24 घंटे में ही माचुआ रजवाह ढह जाने के सवाल पर बोले कि शासन स्तर पर इसकी जांच चल रही है। जांच में तेजी के लिए फिर रिमाइंडर भेजा जाएगा, जल्द इसे पूरा कराया जाएगा। जिले में डॉक्टरों की कमी से चिकित्सा व्यवस्था की मुश्किलों पर कहा कि हमें जांच हजार डॉक्टरों की नियुक्ति करनी है। एक हजार डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में अधिक पैसा और सुविधाओं के चलते डॉक्टरों को सरकारी सेवा में लाना और रोके रखना बड़ी चुनौती है। इसके चलते उन पर सरकार सख्ती भी नहीं कर सकती है। कई डॉक्टरों ने पिछले दिनों सख्ती पर इस्तीफा दिया है। पहले सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, अब ऐसी योजना बनाई जा रही है, जिससे गांव तक डॉक्टरों को पहुंचाया जा सके। उन्होंने पिछली सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतना पुराना जिला होने के बावजूद यह अब तक क्यों पिछड़ा है? यहां औद्योगिक विकास क्यों नहीं हुआ? एटा की गिनती बड़ी शहरों में क्यों नहीं हुई? समय गुजरने के बावजूद सड़कें गड्ढामुक्त न होने के सवाल पर बोले कि सरकार ने पूरी कोशिश की, इसमें 80 फीसद तक गड्ढे भरे गए हैं, जो बड़ी उपलब्धि है। काम खत्म नहीं हुआ है, शेष भी भर लिए जाएंगे।