नहीं सुधरे कर्मचारी, लेट लतीफी जारी
जागरण संवाददाता, एटा: विकास भवन के बाद डीएम ने शुक्रवार को तहसील सदर पर शिकंजा कसा। सुबह 10.05 पर वे
जागरण संवाददाता, एटा: विकास भवन के बाद डीएम ने शुक्रवार को तहसील सदर पर शिकंजा कसा। सुबह 10.05 पर वे निरीक्षण के लिए तहसील पहुंच गए। इस दौरान 30 कर्मचारी नदारद थे। डीएम ने सभी का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए।
सरकार निर्धारित समय में सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यालय में मौजूद रहने पर जोर दे रही है। लेकिन सरकारी नौकरी की खुमारी में डूबे तमाम लोग समय की पाबंदियां मानने को तैयार नहीं हैं। स्थिति देखने के लिए डीएम शुक्रवार सुबह 10.05 बजे तहसील सदर पहुंच गए। यहां तहसीलदार न्यायिक का न्यायालय कक्ष खुला तक नहीं था। डीएम ने नजारत अनुभाग, तहसील तथा चकबंदी कार्यालय के उपस्थिति रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिए। विभिन्न कार्यालयों के 30 कर्मचारी तहसील पहुंचे ही नहीं थे। डीएम ने सभी का वेतन रोकते हुए तीन दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके अलावा तहसील परिसर में सफाई की स्थिति ठीक न मिलने पर फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
ये रहे गैरहाजिर
निरीक्षण के दौरान नजारत अनुभाग के सुमित कुमार, भारत ¨सह शाक्य, सुशील कुमार, रेखा यादव, मुल्तान ¨सह, रामबाबू, तहसील सदर स्टाफ की रानी बेटी, जागन ¨सह, अमित कुमार, वीरेश तिवारी, दीपक सक्सेना, अमित कुमार, चकबंदी कार्यालय में आनंद दयाल ¨सह, कालीचरण, प्रशांत कुमार ¨सह, संजय पिप्पल, अशोक कुमार, हरीशंकर, पदम चंद, शैलेंद्र ¨सह, राजेंद्र ¨सह, मनोज कुमार, नैन्सी, शिवानी यादव, यशपाल ¨सह, राजकुमार, रेशमा देवी, हनुमंत ¨सह अनुपस्थित मिले।
एडवांस में लगा दी हाजिरी
उपस्थिति रजिस्टरों के निरीक्षण में डीएम को एक और खेल मिला। इनमें कालीचरण, प्रवीन कुमार और मूलचंद ने अगली तारीख में भी हस्ताक्षर कर रखे थे। जिसका सीधा सा मतलब था कि किसी भी समय दफ्तर आओ या फिर आओ ही नहीं, हाजिरी समय से मानी जाएगी।