बोर्ड परीक्षा की आड़ में शिक्षकों की मौज
जागरण संवाददाता, एटा: बोर्ड परीक्षा में कहने को परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी बेहतर व्यवस्था के लिए हो।
जागरण संवाददाता, एटा: बोर्ड परीक्षा में कहने को परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी बेहतर व्यवस्था के लिए हो। लेकिन यहां तो अधिकारियों के चहेते शिक्षकों ने स्कूल खाली कर दिए हैं। और खुद भी बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर मौज कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कई स्कूल परीक्षा ड्यूटी पर अन्य शिक्षकों के कार्यमुक्त हो जाने के कारण एकल शिक्षक वाले हो गए हैं, जिस कारण परिषदीय परीक्षाएं कराने में समस्या हो रही है।
बोर्ड परीक्षाओं में परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का मानक वैसे तो यह है कि स्कूल में ड्यूटी के बाद कम से कम दो शिक्षक जरूर रहें। इसके बावजूद एक महीने की मौजमस्ती के लिए अधिकारियों ने मानकों को नजरअंदाज कर उनकी ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लगा दी, जबकि यह शिक्षक बोर्ड परीक्षा में नहीं पहुंच रहे हैं। स्कूल से कार्यमुक्त होकर बोर्ड परीक्षा न होने के दिन भी अपने स्कूल में उपस्थित नहीं हो रहे। निधौलीकलां क्षेत्र में परिषदीय विद्यालय सुन्ना में चार शिक्षकों में से तीन, जवाहरपुर में तीन में से दो, नगला गोदी में तीन में से दो व पृथ्वीपुर में भी तीन शिक्षक बोर्ड परीक्षा में लगाने के कारण स्कूल में एकमात्र शिक्षक रह गया है। प्राइमरी स्कूल में पांच कक्षाओं के बच्चों की परीक्षा कराना एकमात्र शिक्षक के लिए कितना मुश्किल भरा है। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह के हाल जलेसर, अवागढ़, ब्लॉक में भी बताए जा रहे हैं। उधर बीएसए द्वारा पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं कि जिस दिन बोर्ड परीक्षा ड्यूटी न होगी, उस दिन परिषदीय विद्यालय के शिक्षक को अपने स्कूल में पहुंचना होगा। इसके बावजूद भी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।