पोलियो कार्यक्रम की तर्ज पर टीबी से मुक्ति पाई जाएगी
जागरण संवाददाता, एटा: पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की तर्ज पर घर-घर जाकर क्षय रोगियों की खोजकर टीबी से म
जागरण संवाददाता, एटा: पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की तर्ज पर घर-घर जाकर क्षय रोगियों की खोजकर टीबी से मुक्ति पाई जाएगी। जिला क्षय रोग केंद्र जल्द ही अगले वित्तीय वर्ष से अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान में चिन्हित मरीजों को डॉट्स केंद्र पर डॉक्टरों की देखरेख में छह महीने तक निश्शुल्क उपचार किया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर शर्मा ने विश्व क्षय रोग दिवस पर डॉक्टरों और सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजरों के साथ बैठक की। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि अगले सत्र से क्षय रोगियों की पहचान पोलियो उन्मूलन अभियान की भांति घर-घर जाकर की जाए। टीबी एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो एक मरीज से दूसरे व्यक्ति तक तेजी से फैलता है। इस संक्रामक रोग को नियंत्रित करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जाकर ऐसे मरीजों को चिन्हित किया जाए। जिले में प्रति वर्ष ढाई हजार मरीजों की खोज कर उनका उपचार किया जा रहा है। इस काम में और तेजी लाई जाएगी। घर-घर जाकर टीबी मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। इन मरीजों की जांच के बाद टीबी पाए जाने पर उनका उपचार जिलेभर में बने 249 डॉट्स सेंटरों पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीबी रोगी के बलगम की जांच प्रारंभ में और दवा दिए जाने के दौरान तथा छह महीने बाद अंतिम जांच की जाती है।
सेंटर पर दवा खाना जरूरी
टीबी के मरीजों को दो महीने तक डॉट्स केंद्रों पर डॉक्टर की देखरेख में दवा खाना अनिवार्य है। इसके बाद मरीजों को दवा घर पर खाने को दे दी जाती है, लेकिन प्रति सप्ताह मरीज को डॉट्स केंद्र पर डॉक्टर से जांच कराना अनिवार्य होता है।