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एनआर ने फिर तरेरी आंखें, ट्रेन संचालन बंद

जागरण संवाददाता, कासगंज: एनआर और एनईआर के अधिकारियों के बीच लंबे समय से छिड़ी वर्चस्व की जंग में एक ब

By Edited By: Published: Sat, 28 Jan 2017 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2017 10:34 PM (IST)
एनआर ने फिर तरेरी आंखें, ट्रेन संचालन बंद
एनआर ने फिर तरेरी आंखें, ट्रेन संचालन बंद

जागरण संवाददाता, कासगंज: एनआर और एनईआर के अधिकारियों के बीच लंबे समय से छिड़ी वर्चस्व की जंग में एक बार फिर से पूर्वोत्तर रेलवे मात खा गया। उत्तर रेलवे ने फिर आंखें तरेंरी तो रामगंगा से बरेली तक अपने ट्रैक से पूर्वोत्तर रेलवे की गाड़ियां हटा दी हैं। रेलवे बोर्ड के काफी हस्तक्षेप के बाद रहमो करम पर मात्र एक जोड़ी साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की अनुमति दी है।

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बीते तीन साल से कासगंज-बरेली ब्रॉडगेज मार्ग पर परिवर्तन का काम युद्धस्तर पर चला। दो साल पहले यह काम पूरा भी हो गया था, लेकिन रामगंगा पुल पर पूर्वोत्तर रेलवे का अपना ट्रैक नहीं था और उत्तर रेलवे ने अपने ट्रैक से रेलगाडि़यां निकालने में असमर्थता दिखा दी थी। इसके बाद उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों के बीच कागजी तीरों की जंग छिड़ी। ऐसे में कासगंज-बरेली रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन लटका रहा। केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने स्वयं हस्तक्षेप किया और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से भी कार्रवाई करने को कहा। रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय के संयुक्त हस्तक्षेप के बाद सहमति बनी कि मात्र एक जोड़ी पैसेंजर और एक साप्ताहिक ट्रेन उत्तर रेलवे के ट्रैक से निकाली जाएगी। इसके बाद अब से लगभग डेढ़ साल पहले बरेली-कासगंज ब्राडगेज मार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ, लेकिन रेलगाड़ियों की संख्या इस ट्रैक पर इसलिए नहीं बढ़ पा रही थी कि तीन गाडि़यों से अधिक संचालन की सहमति उत्तर रेलवे की नहीं थी। अब तक यह टै्रक सीधे बरेली-कासगंज से जुड़ा रहा, लेकिन एक बार फिर से एनआर और एनईआर के अधिकारियों में वर्चस्व की जंग छिड़ गई और उत्तर रेलवे ने अपना ट्रैक सिर्फ एनआर की रेलगाडि़यों के लिए सुरक्षित कर दिया। पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों से इस ट्रैक पर रेलगाड़ी न दौड़ाने की मना करने के बाद रामगंगा से बरेली के बीच पूर्वोत्तर रेलवे का संपर्क तोड़ दिया। बीते लगभग पांच दिनों से रेलगाड़ियां सिर्फ कासगंज से बमियाना के बीच दौड़ रही हैं।

सात दिन में एक बार रहम

रेलवे बोर्ड के हस्तक्षेप के बाद एनआर ने एनईआर को सात दिन में एक बार खैरात देने की योजना बनाई है। रामनगर बांद्रा के बीच बाया कासगंज-बरेली चलने वाली साप्ताहिक एक्सप्रेस ही एनआर के ट्रैक से गुजर सकेगी।

सीआरएस लटकाए हैं संचालन

कासगंज-बरेली ट्रैक पर रामगंगा से बरेली के बीच का संचालन केंद्रीय संरक्षा आयुक्त की अनदेखी से लटका हुआ है। पूर्वोत्तर रेलवे रामगंगा से बरेली सिटी तक अपना ट्रैक तैयार कर चुका है। सीआरएस के निरीक्षण के बाद इस ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाने को हरी झंडी मिलेगी। रेलवे कई बार निरीक्षण का समय मांग चुका है, लेकिन सीआरएस ने अब तक कोई संकेत नहीं दिए हैं।

जारी है प्रयास

इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र ¨सह ने बताया, केंद्रीय संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के लिए उच्चाधिकारियों का प्रयास निरंतर जारी है। शीघ्र ही निरीक्षण का समय मिलने की संभावना है।


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