दूसरे दिन ही पुराने ढर्रे पर अलीगंज अस्पताल
जागरण संवाददाता, एटा: अलीगंज के निकट हुए सड़क हादसों में मासूमों की मौत पर घटना को लेकर देश भर की निग
जागरण संवाददाता, एटा: अलीगंज के निकट हुए सड़क हादसों में मासूमों की मौत पर घटना को लेकर देश भर की निगाहें एटा की ओर लगी रहीं। वहीं, अलीगंज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने हादसे के दिन तो अव्यवस्थाएं परोसी हीं, दूसरे दिन भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं। हालात ये थे कि चिकित्सकों व अधिकारियों के कक्षों में ताले लगे दिखाई दिए। हद तो तब और हो गई, जब अस्पताल में पर्चा बनाने तक के लिए कर्मचारी नहीं था। इस कर्मचारी की जगह 108 एंबुलेंस का कर्मचारी लोगों को पर्चे दे रहा था।
सड़क हादसे के बाद कुल 52 बच्चे अलीगंज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराए गए, लेकिन इनमें से 12 की मौत हो गई। अस्पताल के चिकित्सकों ने या तो घायल बच्चों को फर्रुखाबाद, सैफई रेफर कर दिया या फिर छुट्टी देकर उनके परिजनों को सौंप दिया। यहां मौजूद चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि सभी बच्चों को गुरुवार की रात तक यहां से रेफर कर दिया गया था। कई बच्चे परिजन यह कहकर अपने साथ ले गए कि वे अपने हिसाब से प्राइवेट चिकित्सक के यहां इलाज कराएंगे।
यह पूछे जाने पर कि अस्पताल के कई कक्षों में ताले क्यों लगे हैं? इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इससे एक दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि दर्जनभर फार्मेसिस्ट व आधा दर्जन के लगभग चिकित्सक विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों से बुलाकर अलीगंज में तैनात किए गए हैं, लेकिन शुक्रवार को यहां कोई भी दिखाई नहीं दिया।
दोपहर में भेजी टीम
जो घायल बच्चे परिजनों के साथ अपने गांव चले गए थे, उनके इलाज के लिए फार्मेसिस्टों की एक टीम गांवों का दौरा करने को भेजी गई। इस टीम के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने नगला उम्मेद में तीन, टिकैतपुरा में दो घायल बच्चों का इलाज किया। इसके अलावा उन्हें अन्य घायल बच्चे गांवों में नहीं मिले।