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कांग्रेस म्यान में, अन्य दल मैदान में

जागरण संवाददाता, कासगंज: वैसे तो सपा से कांग्रेस का गठबंधन होता नहीं दिख रहा। यदि हुआ तो कांग्रेस का

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 11:36 PM (IST)
कांग्रेस म्यान में, अन्य दल मैदान में
कांग्रेस म्यान में, अन्य दल मैदान में

जागरण संवाददाता, कासगंज: वैसे तो सपा से कांग्रेस का गठबंधन होता नहीं दिख रहा। यदि हुआ तो कांग्रेस का कोई प्रत्याशी जिले में चुनाव नहीं लड़ेगा और यदि गठबंधन न हुआ तो पार्टी के सामने अस्तित्व को बचाने की चुनौती रहेगी। अब तक जिले की किसी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, जबकि अन्य दल के प्रत्याशी तैयारी कर गांव की ओर रुख कर गए हैं।

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जिले में कांग्रेस की स्थिति दशकों से खराब है। बीते दो दशक से यहां कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं था, लेकिन हर बार पार्टी को पारंपरिक वोट मिलता रहा है। इस बार कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं। हाईकमान पर गठबंधन की होती चर्चा भी कांग्रेसियों की उलझन बढ़ाए हुए है, तो वहीं गठबंधन न हुआ तो तब भी मुश्किलें बरकरार रहेंगी। गठबंधन की चर्चाओं के बीच कांग्रेस अभी प्रत्याशियों के पत्ते नहीं खोल सकी है, लेकिन यहां यह स्पष्ट हुआ है कि यदि कांग्रेस का सपा से गठबंधन हुआ तो जिले में पार्टी अस्तित्वविहीन रहेगी। समाजवादी पार्टी जिले की तीनों सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो गठबंधन न हुआ तब भी कांग्रेस की मुश्किलें इसलिए बढ़ी रहेंगी क्योंकि जिले में प्रथम चरण में चुनाव है। 24 जनवरी तक नामांकन होंगे, जो समय मतदाताओं के बीच पहुंच उन्हें रिझाने का है, वह निकला जा रहा है।

उधर, भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है। इन पार्टियों के प्रत्याशी नामांकन में दमखम दिखा रहे हैं। सपा से गठबंधन टूटने की आस के बाद अब कांग्रेस की निगाहें सपा और भाजपा के असंतुष्टों पर लग गई है। संभव है कि जिले में कांग्रेस ऐसे किसी चेहरे पर दांव भी लगाए।

यह रही थी स्थिति

विधानसभा चुनाव 2012 में कांग्रेस ने कासगंज और पटियाली विधानसभा सीट पर मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। कासगंज से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के भाई सईद शेरवानी मैदान में थे। इस विधानसभा से इन्हें 21656 मत प्राप्त हुए थे। पहले पर सपा और दूसरे पर बसपा तो तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी थे। अमांपुर विधानसभा सीट से अंबरीश पाल ¨सह कांग्रेस प्रत्याशी थे, इन्हें 15222 वोट मिले थे, ये चौथे नंबर के प्रत्याशी रहे। वहीं पटियाली विधानसभा सीट से पूर्व सांसद देवेंद्र ¨सह यादव की पुत्री वसु यादव कांग्रेस प्रत्याशी थीं, इन्हें 16000 मत प्राप्त हुए। तीनों विधानसभा पर कहीं भी कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल सकी।

तैयार है पूरा पैनल

कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. शशिलता चौहान ने बताया, पार्टी तीनों विधानसभा क्षेत्रों पर मजबूत प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर चुकी है। शनिवार को हाईकमान स्तर से प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी। समाजवादी पार्टी के गठबंधन के चलते थोड़ी उलझन रही थी।


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