कक्ष एक और कक्षाएं पाचवीं तक
जागरण संवाददाता, एटा : परिषदीय स्कूलों पर सरकार की मेहरबानी कभी बच्चों के लिए दूध और फल, यहां तक कि
जागरण संवाददाता, एटा : परिषदीय स्कूलों पर सरकार की मेहरबानी कभी बच्चों के लिए दूध और फल, यहां तक कि अब तो खाना खाने के लिए बर्तन भी दिए गए हैं। इसके बावजूद नगर क्षेत्र में ही तमाम स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों को बुनियादी सुविधाओं का टोटा तो है ही वहीं धुआं भी नसीब हो रहा है। कई पुराने स्कूलों में तो एक कक्ष में ही पांच कक्षाओं का प्राथमिक स्कूल चल रहा है।
परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में जहां कुछ बुनियादी सुविधाएं स्कूल स्तर की हैं, तो तमाम अन्य पर आधारित। यही वजह है कि अलग-अलग जिम्मेदारियों के चलते बच्चों को सुविधाओं का लाभ मानकों के अनुरूप नहीं है। शहर में जीटी रोड पर ही वर्षों पहले एक ही परिसर में दो प्राथमिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। सुभाष चंद्र बोस प्राथमिक विद्यालय व महारानी लक्ष्मीबाई प्राथमिक विद्यालय नाम से संचालित इन स्कूलों के पास दस साल पहले काफी बड़ा खेल का मैदान तो था लेकिन कक्षा कक्षों के नाम पर सिर्फ दो कक्ष। समय बदलने के साथ न जाने कितने नए स्कूल जिलेभर में बन गए, लेकिन यह विद्यालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। यहां एक-एक कक्ष में कबाड़ा भरना शिक्षकों की मजबूरी बना है, तो एक-एक कक्ष में ही कक्षा 5 तक के बच्चों को पढ़ाना मजबूरी है। मिड-डे-मील योजना शुरू हुए वर्षों बीत गए लेकिन अभी तक रसोई की व्यवस्था स्कूल के बरामदे में ही चूल्हे पर संचालित हो रही है। एक हैंडपंप काफी समय से खराब पड़ा है, जिसे न तो पालिका सही करा सकी है और नाहीं विभाग। इसके अलावा पालिका द्वारा कुछ दिन पहले लगवाई गई पानी की टंकी भी शोपीस बनकर ही रह गई है। हालांकि स्कूल में बिजली कनेक्शन है लेकिन संसाधनों के लिए बजट न मिलने की स्थिति में पर्याप्त रोशनी जिम्मेदार नहीं कर पा रहे। कमरों में अंधेरा, ऐसे में बच्चे भी उसी बरामदे में पढ़ने को मजबूर हैं जहां दो-तीन घंटे चूल्हा फूंका जाता है। इस तरह की अव्यवस्थाएं नगर क्षेत्र के स्कूलों में सरकारी व्यवस्थाओं को चिढ़ा रहीं हैं। खास बात तो यह है कि यह स्कूल हर बार चुनाव में बूथ बनते हैं और अधिकारी भी आते हैं लेकिन यहां संपूर्ण व्यवस्थाओं की बात नहीं सोची जाती। नगर शिक्षाधिकारी बीआर ¨सह कहते हैं कि बजट मिलने पर कार्य कराया जाएगा। वैसे स्थानीय स्तर पर स्कूल के प्रधानाध्यापक को निर्देशित कर व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।