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बगैर पंजीकरण हो रहा खाद्य पदार्थो का धंधा

जागरण संवाददाता, एटा: खाद्य पदार्थों के कारोबार में कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में चोरी जरूर है। सा

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 10:56 PM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 10:56 PM (IST)
बगैर पंजीकरण हो रहा खाद्य पदार्थो का धंधा

जागरण संवाददाता, एटा: खाद्य पदार्थों के कारोबार में कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में चोरी जरूर है। सालाना 12 लाख से अधिक का कारोबार करने पर लाइसेंस और इससे कम पर होने वाले पंजीकरण के आंकड़े तो यही दर्शाते हैं।

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खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत खाद्य पदार्थों के कारोबार से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को विभाग से लाइसेंस या पंजीकरण प्राप्त करना जरूरी किया गया है। न सिर्फ खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने वाले बल्कि उसका भंडारण, माल ढुलाई करने वाले भी इसकी जद में रखे गए हैं। 12 लाख रुपये सालाना व्यापार करने वाले व्यापारी पंजीकरण और इससे अधिक लाइसेंस की श्रेणी में आते हैं। लाइसेंस और पंजीकरण का सीधा सा उद्देश्य है कि हर खाद्य कारोबारी विभाग की नजर में रहे। कारोबार में किसी तरह की गड़बड़ी से परहेज करे।

विभाग के मुताबिक, पूरे जिले में 350 व्यापारियों ने लाइसेंस और 2002 ने पंजीकरण कराए हैं। जबकि मोटे अनुमान के मुताबिक खाद्य कारोबारियों की कुल संख्या 8 हजार से भी अधिक है। खास बात ये है कि इसमें गली-मोहल्लों में रखे खोखे आदि शामिल नहीं हैं। लाइसेंस या पंजीकरण न कराने वालों के प्रति विभाग का मानना है कि खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के साथ धोखा जरूर किया जा रहा होगा।

लाइसेंस-पंजीकरण का प्रदर्शन जरूरी

खाद्य व्यवसाय करने के लिए न सिर्फ लाइसेंस-पंजीकरण प्राप्त करना जरूरी है, बल्कि इसका प्रदर्शन भी आवश्यक किया गया है। जिसके तहत कारोबारी को लाइसेंस-पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रतिष्ठान पर ऐसी जगह लगाना होगा कि कोई भी व्यक्ति आसानी से उसे देख सके और उसकी वैधता की जानकारी कर सके।

लोगों का कहना

किसी भी क्षेत्र में व्यवसाय के लिए लाइसेंस या पंजीकरण का नियम है। खाद्य व्यवसाय तो सीधे-सीधे जनस्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। ऐसे में नियम का पालन कराने पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।

- गौरव जैन

आम ग्राहक के लिए कोई ऐसा प्रमाण नहीं होता, जिससे उसे पता लग सके कि कौन खाद्य व्यवसायी लाइसेंसधारी या पंजीकृत है। ऐसे में उसे किसी भी दुकान से अपने ही जोखिम पर खाद्य पदार्थ खरीदने होते हैं।

- जसवीर ¨सह, एड.

लाइसेंस-पंजीकरण वाली दुकानों पर तुलनात्मक रूप से अधिक विश्वास किया जा सकता है। लेकिन जब बाजार जाता हूं, तो इक्का-दुकानों पर ही प्रमाण पत्र नजर आते हैं। ऐसे में प्रतिष्ठान का चयन करना मुश्किल हो जाता है।

- प्रेमचंद्र

ज्यादातर खाद्य व्यवसायी लाइसेंस-पंजीकरण कराने से बचते हैं। जबकि व्यापारियों की हठधर्मिता और एकता के आगे प्रशासन असहाय नजर आता है। जिसके चलते ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।

- जलज

बिना लाइसेंस, पंजीकरण वाले खाद्य कारोबारियों को लगातार चिन्हित कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जिस खाद्य व्यवसायी के पास लाइसेंस या पंजीकरण नहीं होगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- अपूर्व श्रीवास्तव, अभिहीत अधिकारी

यहां करें शिकायत

दूध, मावा, तेल-घी, दाल-मसालों आदि खाद्य पदार्थों तथा पैकेट बंद उत्पादों में मिलावट-गड़बड़ी, अखाद्य रंगों के प्रयोग या बिना लाइसेंस-पंजीकरण के खाद्य कारोबार की जानकारी या संदेह होने पर आप खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में फोन नंबर 05742-239066 या मोबाइल नं. 9839468894 पर कार्रवाई के लिए संपर्क कर सकते हैं।


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