रिश्वतखोरी को मजबूर कर रहे धरती के भगवान
जागरण संवाददाता, पटियाली (एटा) : सरकारी अस्पतालों में रिश्वतखोरी की शिकायतें आम हैं। रिश्वतखोरी रोक
जागरण संवाददाता, पटियाली (एटा) : सरकारी अस्पतालों में रिश्वतखोरी की शिकायतें आम हैं। रिश्वतखोरी रोकने को शासन ने भी सख्त निर्देश जारी किए हैं। लेकिन इसके बाद भी वसूली पर रोक नहीं लगती नजर आ रही है। हालात यह हैं कि अब डॉक्टर अपने स्टाफ को मरीजों से वसूली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ऐसा न करने पर स्टाफ को धमकियां दी जा रही हैं।
ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटियाली का है। जहां स्टाफ नर्स ने चिकित्साधीक्षक पर मरीजों से वसूली कराने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत करने के लिए बुधवार को नर्स ने एसडीएम की चौखट पर दस्तक दी, लेकिन वहां भी उसकी गुहार न सुनी गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटियाली पर तैनात स्टाफ नर्स मंजूलता के लाल ने चिकित्साधीक्षक डा. तरुण राजपूत पर आरोप लगाया है कि वह उनसे प्रति महिला मरीज 100 रुपये के हिसाब से वसूली करवाना चाह रहे हैं, जबकि वह अपने कार्य और पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहती हैं। मंजूलता बताती हैं कि उनसे जबरिया तरीके से प्रति मरीज के हिसाब से पैसे मांगे जा रहे हैं। ऐसा न करने की स्थिति में अन्य स्टाफ और चिकित्साधीक्षक खुद पीड़ित नर्स को बिस्तर बांधने और ट्रांसफर करने की धमकी दे रहे हैं। उनका कहना है कि उनको स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी नहीं करने दी जा रही। साथ ही परिणाम भुगतने की भी धमकी मिल रही है।
बुधवार को स्टाफ नर्स शिकायत करने को एसडीएम पटियाली परवेज अहमद से करने पहुंची, लेकिन एसडीएम ने पीड़िता का शिकायती पत्र लेने से मना कर दिया। उन्होंने विभागीय मामले की शिकायत विभाग के उच्चाधिकारी से करने की बात कहकर पीड़िता को टरका दिया।